Delhi News: अब दिल्ली की सड़कों की होगी कड़ी निगरानी, मरम्मत के लिए यूं ही जारी नहीं होगा फंड, जानें
Delhi: सड़कों की स्थिति पर कड़ी निगरानी के लिए, दिल्ली सरकार ने सभी सड़क-स्वामित्व वाली एजेंसियों को पूरे नेटवर्क का एक डेटाबेस बनाने और उसे वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए कहा है.
Delhi News: सड़कों की स्थिति पर कड़ी निगरानी के लिए, दिल्ली सरकार ने सभी सड़क-स्वामित्व वाली एजेंसियों को पूरे नेटवर्क का एक डेटाबेस बनाने और एक संग्रह बनाए रखने के लिए कहा है, जिसे सचिवालय में बैठे किसी मंत्री या वरिष्ठ अधिकारी द्वारा आसानी से एक्सेस किया जा सकता है. इससे सरकार को यह सहूलियत होगी कि जब कोई सड़क-मालिक एजेंसी किसी विशेष खंड की मरम्मत या मजबूत करने के प्रस्ताव के साथ धन मांगने आएगी, तो सरकार एक क्लिक के साथ सड़क की वास्तविक स्थिति को देख सकेगी.
निर्माण कंपनियों को बनाना होगा सड़क का वीडियो
ये निर्देश डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया द्वारा जारी किए गए, जिनके पास पीडब्ल्यूडी, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण और उद्योग विभागों का प्रभार भी है. सरकार ने दिल्ली जल बोर्ड को भी सड़क खुदाई और सीवर और पानी डालने के काम के समान वीडियो बनाने और उन्हें सरकारी वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए कहा है. सूत्रों ने कहा कि वीडियो शूट करने का निर्णय इस महीने की शुरुआत में एक बैठक में लिया गया था और विभागों ने इसको लेकर पहले ही प्रैक्टिस शुरू कर दी थी. दिल्ली स्टैटिस्टिकल हैंडबुक, 2021 से पता चलता है कि सरकारी एजेंसियों के पास सामूहिक रूप से 4,000 किलोमीटर की सड़कें हैं, जबकि दिल्ली राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम के पास 2,285 किमी का सबसे बड़ा नेटवर्क है. पीडब्ल्यूडी 1,355 किमी सड़क का रखरखाव करता है, वहीं सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के पास क्षेत्र में लगभग 300 किमी सड़क के रखरखाव की जिम्मेदारी है.
वीडियो से लगेगा वास्तविक स्थिति का पता
दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कई बार इंजीनियर सड़कों की मरम्मत के लिए सरकार के पास पैसा मांगने आते हैं. वहीं मरम्मत के लिए फंड जारी करते वक्त मंत्री के पास इतना टाइम नहीं होता कि वह जगह-जगह जाकर सड़कों का मुआयना कर सके, लेकिन अब सड़कों की वीडियोग्राफी से वास्तविक स्थिति का पता लगाना आसान होगा.वहीं एक अन्य अधिकारी ने कहा कि कभी-कभी, हमें मोटर चालकों से किसी विशेष खंड की खराब स्थिति के बारे में शिकायतें मिलती हैं।.यदि सभी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध है, तो विभाग को उस खंड को मजबूत करने के लिए एक प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहना आसान होगा.
यह भी पढ़ें: