Covid-19: एंटी वायरल दवा Molnupiravir को लेकर एनटीएजीआई के विशेषज्ञ ने किया बड़ा दावा, जानिए क्या कहा
एंटी वायरल दवा मोल्नुपिरवीर को लेकर एनटीएजीआई के COVID-19 वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष डॉ एनके अरोड़ा ने कहा है कि ये बुजुर्ग लोगों को ही दी जानी चाहिए. युवाओं पर इस दवा के गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
Covid-19: देश में कोरोना संक्रमण के मामले फुल स्पीड से बढ़ रहे हैं. वहीं कोविड के मामले बढ़ने के साथ ही बुजुर्गों और गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों के चिंताजन स्थिति हो गई है. ऐसे में राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) के COVID-19 वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष डॉ एनके अरोड़ा ने कहा है कि मोल्नुपिरविर वरिष्ठ नागरिकों को दी जानी चाहिए.
वरिष्ठ नागरिकों को दी जानी चाहिए मोलनुपिरवीर दवा
बता दें कि डॉ एनके अरोड़ा ने कहा है कि, “ एंटी वायरल दवा मोल्नुपिरवीर, जो मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने और आईसीयू में भर्ती होने से रोकती है उसे वरिष्ठ नागरिकों को दिया जाना चाहिए, विशेष रूप से कॉमरेडिटी वाले लोगों को. यह रिप्रॉडक्टिव एज ग्रुप के के लोगों को नहीं दिया जाना चाहिए.” डॉ एनके अरोड़ा का कहना है कि मोल्नुपिरविर बीमारी की शुरुआत में ही असर करती है.
#WATCH | Molnupiravir, which prevents hospitalization and ICU admissions, should be given to senior citizens, particularly those with comorbidities. It should not be given to people of the reproductive age: Dr NK Arora, Chairman of COVID-19 Working Group of NTAGI pic.twitter.com/WVq2nxREYd
— ANI (@ANI) January 11, 2022
देश में जमकर कहर ढा रहा है कोरोना
इसी के साथ बता दें कि कोरोना के मामले देश में तेजी से बढ़ रहे हैं. पिछले 24 घंटे के दौरान 1 लाख 68 हजार 63 नए केस सामने आए हैं जबकि 277 लोगों की मौत हो गई. कल की तुलना में आज कोरोना के नए केस में 6.4 फीसदी की कमी आई है. सोमवार को 1 लाख 79 हजार नए केस सामने आए थे. वहीं दिल्ली की बात करें तो राजधानी में कोविड के कुल 65,806 एक्टिव मरीज हैं. इन अंडरट्रीटमेंट लोगों में से 44,028 लोग होम आइसोलेशन में अपना इलाज करवा रहे हैं जबकि 1912 अस्पताल में भर्ती हैं.
फुल स्पीड से चलाया जा रहा है वैक्सीनेशन अभियान
इसी के साथ बता दें कि देश में वैक्सीनेशन अभियान भी तेजी से चलाया जा रहा है. 3 जनवरी से 15 से 18 आयु वर्ग के बच्चों का टीकाकरण भी शुरू हो चुका है. वहीं 10 जनवरी से देश में फ्रंट लाइन वर्कर्स, 60 साल और उससे अधिक के गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को प्रिकॉशनरी डोज देनी भी शुरू हो गई है.
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