Nuh Corona Vaccination: देश में कोरोना वैक्सीन लेने वालों की संख्या हर दिन बढ़ रही है. हालांकि कई राज्यों या शहरों में वैक्सीनेशन की रफ्तार बहुत कम है और लोग वैक्सीन लेने से अभी भी कतरा रहे हैं. इन्हीं में से एक हरियाणा का नूंह जिला है. नूंह में कोरोना टीकाकरण की दर सबसे कम है. पिछले दिनों हरियाणा सरकार द्वारा केंद्र सरकार को दिए गए आंकड़ों के मुताबिक देश के 48 सबसे कम कोरोना टीकाकरण वाले जिलों में से नूंह एक था.
नूंह जिला प्रशासन द्वारा साझा किए गए डेटा के अनुसार 22 नवंबर तक, नूंह में कोरोना की पहली डोज 50.2% (राष्ट्रीय दर 82%) और दूसरी डोज मात्र 10.8% (राष्ट्रीय दर 44%) ही लगी थी. जिले के 435 गांवों में से केवल 38 का ही पूर्ण टीकाकरण किया जा सका है. वहीं राज्य की बात करें तो लगभग 90% वयस्क आबादी को पहली डोज मिल गई है और 46% से अधिक को दोनों डोज मिल चुकी है.
टीकाकरण के लिए मस्जिदों और मंदिरों में लाउडस्पीकर से करवाई जी रही है अपील
इसे देखते हुए नूंह में टीकाकरण को बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन हर संभव प्रयास करने की कोशिश कर रहा है. इसके लिए लिए घर-घर जाकर टीकाकरण का फैसला लिया गया है. साथ ही मस्जिदों और मंदिरों में लाउडस्पीकरों से अपील करवाई जा रही है, दवाओं पर छूट और यहां तक कि टीकाकरण के लिए मुफ्त हेलमेट और रात के खाने के सेट भी ऑफर किए जा रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि जून में हर दिन लगभग 250 डोज से, नवंबर में अब तक 15,000 डोज दी गई हैं. गुरुवार को 15,918 लोगों को टीका लगाया गया, जिसमें 14,386 को पहली डोज और 1,532 को दूसरी डोज मिली.
नूंह के जिला उपायुक्त कैप्टन शक्ति सिंह ने कहा कि कम टीकाकरण दर से निपटने के लिए गाँव के प्रभावशाली लोगों- मौलवियों, पूर्व सरपंचों, महिला स्वयं सहायता समूहों के साथ एक निगरानी समिति का गठन किया गया था. “समिति ने एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया और वैक्सीन के बारे में अफवाहों को दूर किया और हमें बताया कि हमें अपनी वैक्सीनेटर टीमों को कहां भेजना है. हमने यह भी पाया कि सार्वजनिक परिवहन की कमी की वजह से भी लोग टीकाकरण के लिए नहीं पहुंच पा रहे हैं, इसलिए हमने उन्हें लाने के लिए वाहनों की व्यवस्था की. अब, चूंकि बुआई का मौसम चल रहा है, हम वैक्सीनेशन बढ़ाने के लिए टीमों को कृषि क्षेत्रों में भेज रहे हैं."
उन्होंने कहा कि प्रशासन ने स्थानीय धार्मिक नेताओं को भी इस अभियान में शामिल किया है और उन्हें मस्जिदों और मंदिरों से लाउडस्पीकर पर घोषणा करने के लिए कहा है, जिससे लोगों को टीकाकरण के लिए तैयार जा सके. शक्ति सिंह ने कहा कि प्रशासन ने लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए व्यापारियों से भी गठजोड़ किया है. “कुछ पेट्रोल पंप डीलरों ने पूरी तरह से टीका लगाने वाले लोगों को 50 पैसे प्रति लीटर की छूट की पेशकश की है. लोग अपने टीकाकरण प्रमाण पत्र फोन पर दिखा सकते हैं और छूट का लाभ उठा सकते हैं."
टीकाकरण कराने वालों को फ्री में मिलेगा हेलमेट
वहीं स्थानीय केमिस्ट एसोसिएशन ने पहली डोज लेने वाले लोगों को दवाओं पर 5% की छूट और दोनों टीकाकरण कराने वालों को 10% की छूट देने पर सहमति जताई है. इसके अलावा स्थानीय ऑटोमोबाइल डीलरों के साथ बातचीत की जा रही है, जहां टीका लगाए गए लोगों को मोटरसाइकिल खरीदने पर मुफ्त हेलमेट और रात का खाना मिलेगा. इस अभियान में तेजी लाने के लिए प्रशासन ने स्थानीय हस्तियों को भी शामिल किया है और गायक सलमान अली ने एक वीडियो संदेश रिकॉर्ड किया है जिसमें वे लोगों से जल्द से जल्द टीका लगवाने की अपील कर रहे हैं.
जिला उपायुक्त का कहना है "टीकाकरण की दर में कमी का मुख्य कारण निम्न साक्षरता स्तर और शिक्षा की कमी है. यहां पुरुषों में 56% साक्षरता और महिलाओं में 35% है. इसके अलावा कई तरह के अफवाह फैलाने की वदह से भी लोग टीक नहीं ले रहे हैं. लोग डॉक्टरों या अधिकारियों की बजाय मौलवी की बात सुनना पसंद कर रहे हैं. साथ ही, दूसरी लहर के बाद से कुछ समय हो गया है और ऐसे में डर भी कम हो गया है. लोग वैक्सीन से बुखार का जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं. बुआई का मौसम चल रहा है और वे घर पर नहीं बैठना चाहते हैं.”
उन्होंने कहा कि टीकाकरण के अगले चरण के लिए राज्य सरकार ने जिला प्रशासन को सबसे कम टीकाकरण दर वाले 50 गांवों को लक्षित करने का निर्देश दिया है. स्वास्थ्य विभाग ने जिले में टीकाकरण केंद्रों में जाने के लिए 1,100 से अधिक आशा कार्यकर्ताओं और 220 सहायक नर्स दाइयों की मदद के लिए 44 कारों को किराए पर लिया है. जबकि 100% टीकाकरण हासिल करने वाले गांवों को बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए अनुदान दिया गया है. इसके साथ-साथ टीकाकरण करने वालों से चुनौतियों को समझने का भी प्रयास किया जा रहा है.
दूसरी तरफ, स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि डेटा एंट्री ऑपरेटरों की नियुक्ति के बाद से टीका लेने वालों क संख्या बढ़ी है. इससे पहले एक दिन में सिर्फ 50 लोग ही टीका ले सकते थे क्योंकि डेटा तैयार करने में बहुत समय लग जाता था. अब देखना ये होगा कि जिला प्रशासन के इन कदमों से नूंह में टीकाकरण की दर में कितनी बढ़ोतरी होती है.
सोर्स: द इंडियन एक्सप्रेस
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