दिल्ली: राजधानी दिल्ली के नगर निगम (Delhi Municipal Corporation) के परिसीमन (Delimitation) का काम पूरा हो गया है. नए परिसीमन में वार्डों की कुल संख्या 272 से घटाकर 250 कर दी गई है. इससे पहले दिल्ली के तीन नगर निगमों एमसीडी नार्थ, एमसीडी साउथ और एमसीडी ईस्ट में कुल 272 वार्ड थे. एमसीडी नार्थ और एमसीडी साउथ में 104-104 थे और एमसीडी ईस्ट में 64 वार्ड थे. नए परिसीमन में दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में से 21 में एक-एक वार्ड कम कर दिए गए हैं. जनसंख्या के हिसाब से दिल्ली में अब सबसे बड़ा वार्ड मयूर विहार फेज वन (Mayur Vishar Phase One) होगा. वहीं सबसे छोटा वॉर्ड चांदनी चौक (Chandni Chowk) है.राज्य चुनाव आयोग ने सभी 250 वॉर्डों का ड्राफ्ट परिसीमन रिपोर्ट जारी की दी है. इस पर तीन अक्तूबर तक लोगों से आपत्तियां और सुझाव मांगे गए हैं. दिल्ली में राजनीति करने वाली तीनों प्रमुख पार्टियों ने इस ड्राफ्ट पर आपत्ति जताई है. आइए जानते हैं कि नए परिसीमन पर इन दलों को क्या आपत्ति है.
कांग्रेस को क्या आपत्ति है
कांग्रेस ने दिल्ली नगर निगम वार्ड के परिसीमन के ड्राफ्ट रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं. उसका कहना है कि इसमें कई त्रुटियां हैं. पार्टी ने इसे आरक्षण की व्यवस्था के खिलाफ बताया है. उसका कहना है कि अगर इन त्रुटियों को दूर नहीं किया गया तो वह सड़क पर उतरने के साथ ही अदालत का भी दरवाजा खटखटाएगी.
कांग्रेस का कहना है कि परिसीमन पर सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब दिल्ली की जनसंख्या लगातार बढ़ रही है तो वार्डों की संख्या 272 से 250 किस आधार पर की गई है? इसके साथ ही पार्टी ने आरक्षण पर भी सवाल उठाए हैं. उसका कहना है कि दलितों और अल्पसंख्यकों की जनसंख्या लगातार बढ़ रही है, पहले 272 में से 46 वार्ड आरक्षित थे. लेकिन नए परिसीमन के ड्राफ्ट में आरक्षित वार्डों की संख्या कम कर 42 कर दी गई है. उसका कहना है कि इस तरह से दलित समुदाय का प्रतिनिधित्व कम करने की साजिश रची गई है.
बीजेपी को क्या आपत्ति है
केंद्र में सरकार चला रही बीजेपी को भी नगर निगम वार्डों के परिसीमन ड्राफ्ट के कई बिंदुओं पर आपत्ति है. बीजेपी ने ड्राफ्ट कमेटी से मिलकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है. बीजेपी का कहना है कि नरेला,मॉडल टाउन,चांदनी चौक सहित कई विधानसभा क्षेत्रों में वार्डों का बंटवारा जनसंख्या के अनुपात में नहीं हुआ है. उसका कहना है कि कई वार्डों के गणना ब्लाक (ईबी) में कई कमियां मिली हैं. कई स्थानों पर एक ही ब्लाक में अलग-अलग वार्ड दिखाए गए हैं. उसका कहना है कि नियमों के अनुसार गणना ब्लाक को दो वार्डों में विभाजित नहीं किया जा सकता है.ड्राफ्ट में प्रस्तावित वार्ड में ईबी को शामिल नहीं किए जाने की भी उसे शिकायत है. उसका कहना है कि इस तरह की कमियों को दूर किया जाना चाहिए.
आप की क्या आपत्तियां हैं
दिल्ली में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी ने कहा है कि दिल्ली नगर निगम के वार्डों का परिसीमन अतार्किक तरीके से किया गया है. इसके अलावा आप ने इस बात पर भी आपत्ति जताई है कि परिसीमन पैनल ने बिना किसी कारण के एक ब्लॉक या गली को एक वार्ड से दूसरे वार्ड में डाल दिया गया है.
ये भी पढ़ें
दिल्ली: फेस-4 के सभी 27 स्टेशन होंगे सौर ऊर्जा से लैस, 2031 तक के लिए यह DMRC का यह है प्लान
IGI में फीस बढ़ाने को लेकर ABVP का विरोध प्रदर्शन, प्रशासन ने फीस कम करने का दिया आश्वासन