Delhi News: ओडिशा के बालासोर में कल शुक्रवार की शाम 12864 बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतर जाने की वजह से भीषण ट्रेन हादसा हो गया, जिसमें 288 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 900 से ज्यादा लोगों के घायल होने का पता चला है. इस हादसे में तीन ट्रेनें भीषण हादसे का शिकार हुईं, जिसमें बताया जा रहा है कि पहले गाड़ी संख्या 12864 बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कई डिब्बे पटरी से उतर गए और दूसरी पटरी पर जा गिरे. पटरी से उतरे ये डिब्बे गाड़ी संख्या 12841 शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए और जिससे इस ट्रेन के डिब्बे भी पलट गए. फिर कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतरने के बाद एक मालगाड़ी से टकरा गए, जिससे मालगाड़ी भी दुर्घटना की चपेट में आ गई.


इस घटना के बाद ट्रेनों में टक्कर रोधक और एंटी डिरेलमेंट तकनीक वाले यंत्र नहीं लगाए जाने को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं, क्योंकि केंद्र की मोदी सरकार ने ट्रेन और ट्रेन यात्रियों की सुरक्षा की बात कह कर ट्रेनों में इन यंत्रों को लगाने की बात कही थी. लेकिन हकीकत में उस पर गंभीरता से काम नहीं किया गया, जिसे लेकर अब आम आदमी पार्टी, भाजपा शासित केंद्र की मोदी सरकार को घेरती नजर आ रही है.


अब तक सभी ट्रेनों में नहीं लगे हैं ये यंत्र


आम आदमी पार्टी के संगठन महामंत्री और राज्यसभा सांसद डॉ. संदीप पाठक का इस मामले पर बड़ा बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने रेल मंत्रालय की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाए और केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि "मैं रेलवे की स्थाई कमेटी का मेंबर हूँ. इसकी पिछली मीटिंग में सारी दिखावटी बातें बताई गईं. मैंने मीटिंग में कहा था कि सबसे पहले सेफ्टी से जुड़े हुए काम पूरे करवाइए. मैंने कहा था कि Anti-collision, Anti-derailment यंत्र अभी तक सभी ट्रेनों में नहीं लगाए गए हैं, जो ट्रेन और इसके यात्रियों की सुरक्षा के लिए अतिआवश्यक हैं."


उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी सिर्फ दिखावा करते हैं, हकीकत में आवश्यक कार्यों के प्रति उनका फोकस बिल्कुल भी नहीं है. देश के 65 हजार किलोमीटर के नेटवर्क में महज 1400 किमी के नेटवर्क को एंटी कोलेजन डिवाइस से जोड़ा गया है. वहीं 23 हजार ट्रेनों में केवल 65 ट्रेनों में ही एंटी कोलेजन डिवाइस लगा है. इससे पता चलता है कि पिछले 9 वर्षों में मोदी सरकार ने ट्रेन हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए हैं. उन्होंने कहा कि अगर प्रतिशत की बात की जाए तो पिछले 9 वर्षों में देश की मात्र 2 प्रतिशत ट्रेनों में ये यंत्र लगाए गए हैं, जो कि काफी कम हैं.


उनका कहना है कि बिना सुरक्षा यंत्र के रेलवे भगवान भरोसे चल रही है. ट्रेन सुरक्षा के सभी यंत्र लगाना अतिआवश्यक है. अगर ट्रेन में सुरक्षा यंत्र लगे होते तो एक-के-बाद-एक तीन ट्रेनें इस तरह के भीषण हादसे का शिकार नहीं होते और न हीं इतनी जिंदगियों की जान जाती. पीएम के सिर्फ PR और दिखावे से देश बर्बाद हो जाएगा.


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