Okhla-Ghazipur And Bhalswa Landfill: दिल्ली (Delhi) में बने कूड़े के तीन पहाड़ नगर निगम के साथ-साथ अरविंद केजरीवाल सरकार (Arvind Kejriwal Government) और केंद्र सरकार (Central Government) के लिए एक बड़ी परेशानी बनी हुई है. इन पहाड़ों को खत्म करने में यहां से निकली मिट्टी (इनर्ट) के निस्तारण की चुनौती थी, लेकिन अब इसके निस्तारण का रास्ता भी साफ हो गया है. केंद्र सरकार जल्दी ही इनर्ट के निस्तारण के लिए दक्षिणी दिल्ली के खड्डा कॉलोनी (Khadda Colony) में 100 एकड़ जमीन एमसीडी (MCD) को उपलब्ध करवाने जा रही है. वहीं भलस्वा लैंडफिल (Bhalswa Landfill) को खत्म करने के लिए रोहिणी (Rohini) सेक्टर- 23 में 21 एकड़ जमीन निगम को दी जाएगी.
इससे दिल्ली के ओखला और गाजीपुर के साथ ही भलस्वा के कूड़े के पहाड़ से निकली इनर्ट का निस्तारण हो जाएगा. राजधानी के तीनों कूड़े के पहाड़ों पर 193 लाख टन कूड़ा पड़ा है. इसमें से 106 लाख टन करीब इनर्ट है. इस इनर्ट को ही खड्डा कॉलोनी की 100 एकड़ और रोहिणी सेक्टर-23 में 21 एकड़ जमीन में भरा जाना है.
अर्बन एक्सटेंशन रोड में भी हुआ इनर्ट का इस्तेमाल
निगम हर दिन 17 हजार टन पुराने कचरे को ट्रीमल मशीनों के माध्यम से बायोमाइनिंग कर रहा है. इस प्रक्रिया के तहत कचरे से मिट्टी को अलग कर दिया जाता है, जबकि इसमें प्लास्टिक कचरे को ईंधन के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. मलबे को सीएंडडी वेस्ट प्लांट में टाइलें आदि बनाने के लिए भेज दिया जाता है. 193 लाख टन कचरे के निस्तारण के लिए निगम को ऐसे स्थान की तलाश थी, जिसे वहां पर निस्तारित किया जा सके. ऐसे में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने निगम की मदद की थी. राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने के लिए अर्बन एक्सटेंशन रोड (यूईआर) में इस इनर्ट का इस्तेमाल किया है.
केंद्र की लैंड एंड डेवलपमेंट ऑफिस देगी 100 एकड़ जमीन
एनटीपीसी बदरपुर केंद्र में 400 एकड़ में एक इको पार्क बना रहा है. वहां पर भी इनर्ट को डाला गया है. इसके बावजूद निगम को ऐसे स्थान की जरूरत थी, जहां पर तीनों लैंडफिल के इनर्ट का निस्तारण किया जा सके. ऐसे में केंद्र सरकार के साथ चली बातचीत में खड्डा कॉलोनी में 100 एकड़ जमीन देने पर केंद्र सरकार के अधीन कार्य करने वाला लैंड एंड डेवलपमेंट आफिस (एलएंडडीओ) राजी हो गया है.