Old Rajendra Nagar Accident: दिल्ली के राजेंद्र नगर कोचिंग हादसे को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों से बुधवार को दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी और एमसीडी के मेयर शैली ओबेरॉय ने मुलाकात की. छात्रों से मिलकर उन्होंने उनकी मांगें सुनीं. वहीं अब एमसीडी ने बड़ा ऐलान किया है.


एमसीडी ने कहा है, "बेसमेंट के दुरुपयोग पर होगी तुरंत कार्रवाई होगी. बेसमेंट की एंट्री और एग्जिट अलग अलग होना अनिवार्य हो. बिल्डिंग का नक्शा सार्वजनिक होना चाहिए. ड्रेन और फुटपाथ पर किसी तरह का अतिक्रमण न हो."


एमसीडी ने आगे कहा, "स्ट्रॉन वाटर ड्रेन किसी भी जगह बंद न हो. स्ट्रॉन वाटर ड्रेन में सुपर शकर का प्रयोग हो. तारों के जालों को तुरंत सही किया जाए. सार्वजनिक शौचालय में सही से साफ सफाई हो."


वहीं इसी हादसे के मद्देनजर बुधवार को नालियों की उचित सफाई, पंपों के संचालन, सड़क मरम्मत कार्य और बिजली के करंट से बचने के लिए एहतियाती उपाय के तहत पीडब्ल्यूडी ने एक एसओपी जारी की.


पीडब्ल्यूडी द्वारा जारी आधिकारिक ज्ञापन के मुताबिक, नालों से निकाली गई गाद को अधिकतम दो घंटे के भीतर अधिकृत 'डम्पिंग ग्राउंड' में डाला जाना चाहिए क्योंकि बारिश के दौरान गाद को सूखने के लिए सीमित समय मिलता है. इन घटनाओं को देखते हुए सभी नालों से गाद पूरी तरह साफ करनी होगी.


ज्ञापन में ये भी कहा गया कि हाल ही में बिजली का करंट लगने, बेसमेंट में पानी भर जाने, नालियों में गिरने और सड़कों पर गड्ढों के कारण दुर्घटनाएं होने की कई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं सामने आई हैं.


एसओपी के मुताबिक, नालों से बाहर पानी बहने की स्थिति में उसकी जांच की जानी चाहिए और आखिरी बिंदु पर संभावित रुकावटों का पता लगाकर तुरंत गाद निकाली जानी चाहिए. इसमें कहा गया है कि एक बार गाद निकालना पर्याप्त नहीं है क्योंकि ठोस कचरा पीडब्ल्यूडी नाले में आ रहा है। इसलिए, सभी नालों को आवश्यक मशीनों आदि की तैनाती करके हर समय गाद निकालते रहना चाहिए


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