Old Rajendra Nagar Accident: दिल्ली की राजस्व मंत्री आतिशी ने सोमवार को मुख्य सचिव नरेश कुमार को एक पत्र लिखकर राजेंद्र नगर में एक कोचिंग सेंटर में हुई घटना के संबंध में मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए थे. वहीं अब मुख्य सचिव ने मुख्य सचिव ने मंत्री आतिशी को राजेन्द्र नगर के कोचिंग सेंटर में हुए हादसे पर मजिस्ट्रियल जांच की रिपोर्ट सौंप दी है.


मजिस्ट्रियल जांच रिपोर्ट में लिखा है कि बेसमेंट में पानी घुसने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं. इसमें पहला कारण ये हो सकता है कि यह सड़क एमपीडी के तहत कमर्शियल सड़क के रूप में अधिसूचित है, अधिकांश संपत्तियों को कमर्शियल प्रतिष्ठानों में परिवर्तित कर दिया गया है. बिल्डिंगों के बाहर की पूरी चौड़ाई पर रैंप का निर्माण किया है, जिससे बारिश के दौरान बरसात का पानी मॉम मौजूदा ड्रेनेज सिस्टम से बाहर नहीं निकल पाया.


इसके अलावा बिल्डिंग के बाहर रैंप बनायी गई है और मार्बल बिछाई गई है जिससे नाले की सफाई नहीं हो सकती. साथ ही शंकर रोड से पूसा रोड तक सड़क की रूपरेखा तश्तरीनुमा है, जिसका सबसे निचला पॉइंट राव कोचिंग संस्थान के सामने है. भारी बारिश के दौरान, 200 फीट के इस हिस्से में पानी जमा हो जाता है और जब भी वाहन इस हिस्से से गुजरते हैं तो बड़ी मात्रा में पानी बिल्डिंग की ओर जाता है जो और परेशानी बढ़ा देता है, राव की बिल्डिंग का प्लिंथ लेवल भी आस-पास की संपत्तियों की तुलना में नीचे है.


मजिस्ट्रियल जांच रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि भारी बारिश की स्थिति में, सड़क की मौजूदा स्थिति के कारण पूरा पानी इस क्षेत्र में जमा हो जाता है और जो पानी बरसाती नाले में में जाना चाहिए था, वह पार्किंग क्षेत्र की ओर बढ़ जाता है. इस कोचिंग संस्थान ने ड्रेनेज सिस्टम को पूरी तरह से अवरुद्ध कर दिया है और ऐसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए कोई अतिरिक्त सुरक्षा उपाय नहीं किए हैं.


रिपोर्ट में राव कोचिंग सेंटर की लापरवाही सामने आई


इसी तरह की अन्य संपत्तियों ने बिल्डिंग के बाहर एक दीवार का निर्माण किया है जो यह सुनिश्चित करता है कि क्षेत्र में भारी जलभराव की स्थिति में पानी पार्किंग क्षेत्र और बेसमेंट में प्रवेश न कर सके, राव कोचिंग ने ऐसा नहीं किया.


इसके अलावा सुरक्षा कर्मचारियों की ओर से कोई सतर्कता नहीं बरती गई, जिसके परिणामस्वरूप पानी बिना रुके पार्किंग क्षेत्र को पार कर बेसमेंट में प्रवेश कर गया और अंततः तीन होनहार बच्चों की जान ले ली.


बेसमेंट को सिर्फ स्टोरेज के लिए इस्तेमाल किया जाना था लेकिन बेसमेंट के अन्य उपयोगों के चलते जानमाल का नुकसान हुआ. वहीं स्थानीय निवासियों ने कहा कि कोचिंग के बेसमेंट में प्रवेश द्वार बायोमेट्रिक/एक्सेस कंट्रोल लॉक सिस्टम के साथ था और घटना के समय छात्र समय पर बाहर नहीं आ सके.


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