Vikas Divyakirti On Old Rajendra Nagar Accident: दिल्ली में कोचिंग हादसे के बीच दृष्टि आईएएस के डायरेक्टर विकास दिव्यकीर्ति का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि उनपर निशाना इसलिए साधा गया है क्योंकि एक बलि का बकरा सभी को चाहिए होता है. समाज को एक दोषी मिल जाता है. प्रतियोगियों को लगता है कि मौका है, उन्हें लगता है कि हिसाब बराबर कर लिया जाए.
विकास दिव्यकीर्ति ने कहा, "बच्चों की नाराजगी जायज है. शायद उन्हें मुझसे ज्यादा उम्मीद थी इसलिए मुझपर गुस्सा फूटा है. मैं कृतज्ञ हूं कि उन्होंने गुस्सा मुझपर किया. मेरे नाम से गाली देने पर व्यू ज्यादा मिलते हैं इसलिए मैं टार्गेट हुआ. वर्चुअल मॉब लिंचिंग जैसा महौल होता है. "
इसके साथ ही उन्होंने कहा, "मैं भावनात्मक मामलों में मुखर नहीं हूं. तीन बच्चों की मृत्यु हुई मैं सोचता हूं कि जब पानी भरा होगा तो उनपर क्या गुजरी होगी. मेरी मूल चिंता उस अनुभव को महसूस करने में है. विद्यार्थियों का गुस्सा जायज है. एलजी के मीटिंग में मैं गया था. कुछ बच्चों से बातें हुई. अब मुझे लगता है कि वो सहजता है. मैं एक दो दिन में बच्चों से मिलूंगा."
उन्होंने आगे कहा, "मीटिंग अच्छी हुई. एलजी और दिल्ली सरकार सक्रिय है. बच्चों और इंस्टिट्यूट की बात सुनी. एक कमिटी बनाई गई है उसमें मैं भी हूं. उम्मीद है कि जल्दी नतीजा निकलेगा. चूक हुई है, नियमों के स्तर पर, लेकिन हमारी नियत खराब नहीं थी. दिल्ली में 2000 कोचिंग संस्थान हैं. फायर एनओसी फॉर एजुकेशन बिल्डिंग एक के पास भी नहीं है."
विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि हमारी एक बेसमेंट सील हुई है. अप्रूव बेसमेंट है. नेहरू विहार की बेसमेंट मॉल की बेसमेंट है. उसमें 7 निकास द्वार हैं. वो बेसमेंट दिल्ली के सबसे सेफ बिल्डिंग में से एक है.
उन्होंने ये भी कहा, "मुझे ऐसा लगता था कि चिंता फायर की थी. मुखर्जी नगर में जहां कोचिंग संस्थान है, वहां एक ही एग्जिट और एक एंट्री है. और वहीं बिजली का मीटर है. मूल खतरा आग से होता है. हमारे मन में भी यह बात नहीं आई कि पानी भर सकता है. 3 साल पहले पानी का स्तर बढ़ने लगा था उस समय हमने सात दिन की छुट्टी कर दी गई थी. लेकिन हमारे मन में भी नहीं आया था कि ऐसा कुछ हो सकता है."
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