दिल्ली कोचिंग हादसे पर 'Super 30' के संस्थापक आनंद कुमार बोले, 'बच्चों की कोई...'
Old Rajendra Nagar Accident: आनंद कुमार ने कहा कि इन बच्चों की कोई गलती नहीं थी, वे सपने देख रहे थे और आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे थे. ऐसी घटनाओं का अचानक होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.
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Anand Kumar Old Rajendra Nagar Accident: दिल्ली कोचिंग सेंटर में हुई तीन स्टूडेंट्स की मौत का मामला बढ़ता जा रहा है. इस बीच 'सुपर 30' के संस्थापक आनंद कुमार की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं का अचानक होना बेहद निराशाजनक है.
आनंद कुमार ने कहा, "सबसे पहले मैं इस दुखद दुर्घटना में मारे गए तीन बच्चों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. इन बच्चों की कोई गलती नहीं थी, वे सपने देख रहे थे और आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे थे. ऐसी घटनाओं का अचानक होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों."
VIDEO | Delhi coaching centre deaths: "First and foremost, I extend our deepest condolences to the families of the three children who died in this tragic accident. These children were not at fault; they were dreaming and striving to move forward. It is extremely unfortunate for… pic.twitter.com/2KPic3vjw8
— Press Trust of India (@PTI_News) August 1, 2024
दरअसल, 'सुपर 30' फिल्म आनंद कुमार की जिंदगी पर ही बनी है. उस फिल्म भी छात्रों का संघर्ष और उसके बाद उनकी सफलता को दिखाया है. ऐसे में आनंद कुमार ने दिल्ली कोचिंग हादसे को लेकर दुख जाहिर किया है. उनका मानना है कि बच्चे आशाओं के साथ आते हैं ऐसे में उनके साथ ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए.
ओल्ड राजेंद्र नगर के एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में अचानक पानी भरने से तीन सिविल सेवा अभ्यर्थियों की मौत की घटना ने उन खराब परिस्थितियों को उजागर किया है जिसमें कई सिविल सेवा उम्मीदवार आईएएस अधिकारी बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए विषम हालात में रहते हैं.
ओल्ड राजेंद्र नगर हो या मुखर्जी नगर, दिल्ली के विभिन्न कोचिंग केंद्र की कहानी एक जैसी ही है. पिछले डेढ़ साल से राजेंद्र नगर में ग्राउंड फ्लोर पर एक कमरे में रह रहे उत्तर प्रदेश के एक सिविल सेवा अभ्यर्थी ने कहा, "राजेंद्र नगर और मुखर्जी नगर में लगभग हर मकान के मालिक ने अपने घर को पेइंग गेस्ट आवास में बदल दिया है."
मुखर्जी नगर में एक कोचिंग सेंटर में कक्षाएं लेने वाले 28 वर्षीय यूपीएससी अभ्यर्थी ने कहा कि छात्रों की संख्या बहुत ज्यादा है और जगह कम है इसलिए गरीब परिवारों के लोगों के पास रहने के लिए बहुत कम विकल्प हैं.
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