AAP On One Nation, One Election: भारत की आजादी के 75 साल पूर्ण होने पर केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश पर अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है. इसके साथ ही 2014 में बीजेपी सरकार बनने के बाद दर्जनों कानून में संशोधन किया गया है. लोकतांत्रिक व्यवस्था के अंतर्गत देश में केंद्र का चुनाव, राज्य का चुनाव और निचली इकाई नगर निगम के साथ-साथ ग्राम पंचायत का चुनाव, चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश पर अपने निर्धारित समय पर होता है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित केंद्रीय कैबिनेट के कई नेताओं ने बड़े मंच से कई बार 'एक देश एक चुनाव' की तरफ इशारा करते हुए कहा है कि पूरे देश में सभी स्तर के चुनाव एक साथ होंगे, जिससे करोड़ों रुपये के खर्च को बचाया जा सकेगा.


सोमवार को इस मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी ने अपनी राय स्पष्ट की और प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बीजेपी पर जमकर हमला बोला. आम आदमी पार्टी की ओर से एक देश एक चुनाव को भारतीय संविधान के मूल ढांचे को क्षतिग्रस्त करने जैसा बताया गया है. इसके साथ ही यह स्पष्ट किया गया है कि पार्टी कभी भी इस कानून को स्वीकार नहीं करेगी.


जानिए आप की विधायक आतिशी ने क्या कहा?


आम आदमी पार्टी की तरफ से विधायक आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि भारत में संसदीय प्रणाली व्यवस्था के तहत सरकार बनती है और संविधान के मूल ढांचे में इस प्रमुख व्यवस्था को मुख्य रूप से दर्शाया गया है, लेकिन अगर पूरे देश में सभी स्तर पर चुनाव एक साथ होते हैं तो यह सीधे-सीधे भारतीय संविधान के मूल प्रस्तावना के साथ खिलवाड़ होगा.


'एक साथ चुनाव भारतीय संविधान की मूल प्रस्तावना के खिलाफ'


विधायक आतिशी ने कहा, "देश के सबसे चर्चित वाद केसवानंद भारती केस में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि भारतीय संविधान की मूल प्रस्तावना के साथ किसी प्रकार का संशोधन और छेड़छाड़ नहीं किया जा सकता, लेकिन केंद्र राज्य और निचली इकाई का चुनाव अगर एक साथ होता है, तो संसदीय प्रणाली व्यवस्था को सीधे चुनौती देना होगा, जिसकी वजह से यह कानून भारतीय संविधान की मूल प्रस्तावना के खिलाफ होगा, जो सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का भी उल्लंघन करता है."


केंद्र और राज्यों के अलग-अलग मुद्दे: आतिशी


एक देश एक चुनाव पर विरोध जताते हुए विधायक आतिशी ने यह भी कहा, "केंद्र और राज्य के अलग-अलग मुद्दे होते हैं. चुनावी दौर में जनप्रतिनिधि के रूप में उम्मीदवार उस मुद्दों के साथ जनता के बीच में जाते हैं, लेकिन अगर केंद्र और राज्य के चुनाव एक साथ होंगे, तो जनता को अपने मुद्दों के आधार पर चुनाव करने में दिक्कत होगी और पार्टियों की ओर से इसका दुरुपयोग भी किया जा सकता है."


'अल्पमत में गिरेगी सरकार तो केंद्र सरकार को होगा फायदा'


विधायक ने इस मामले को लेकर यह भी कहा, "बहुत से ऐसे राज्य के चुनाव होते हैं, जहां पूर्ण बहुमत की सरकार नहीं बनती है. दूसरे दलों को मिलाकर गठबंधन के साथ सरकार बनती है. किसी बात को लेकर अगर गठबंधन टूटता है, तो मौजूदा स्थिति में राज्यपाल के दिशा निर्देश पर फिर से चुनाव होता है, लेकिन एक देश एक चुनाव कानून के बाद लंबे समय तक इंतजार करना पड़ सकता है. इस स्थिति में यह संवैधानिक व्यवस्था को सीधे-सीधे चुनौती होगी.


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