AAP On One Nation One Election: वन नेशन, वन इलेक्शन बिल को लेकर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार वन नेशन-वन इलेक्शन के जरिए संविधान और लोकतंत्र को खत्म कर देश में तानाशाही थोपना चाहती है. इसके लागू होने के बाद देश में बेतहाशा महंगाई बढ़ेगी,कई राज्यों में चुनाव नहीं होंगे और खरीद फरोख्त बढ़ेगी, क्योंकि केंद्र सरकार को किसी का कोई डर नहीं होगा.
वहीं, देश में अलग-अलग चुनाव होने से पार्टियों को डर होता है और वो महंगाई कम करने समेत जनता के हित में कई फैसले लेती हैं, लेकिन अगर वन नेशन वन इलेक्शन लागू हो जाता है तो केंद्र की सत्ता में बैठी पार्टी का यह डर खत्म हो जाएगा. उन्होंने कहा कि भाजपा का अलग-अलग चुनाव होने से राज्यों का काम बाधित होने का तर्क भी बेतुका है, क्योंकि जिस राज्य में चुनाव होता है, उसी में आचार संहिता लगती है.
'ये लोग इस देश में तानाशाही लाने जा रहे हैं'
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि बार-बार हम यह कहते हैं कि भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी भारत के संविधान को तार-तार करना चाहते हैं. ये लोग भारत के संविधान की धज्जियां उड़ाना चाहते हैं. संविधान के अनुसार चाहे वह केंद्र की सरकार हो या किसी राज्य की सरकार हो, सबका कार्यकाल 5 साल का होता है. उस बीच में अगर सरकार अल्पमत में आती है तो दोबारा चुनाव होंगे, यह हमारी संवैधानिक व्यवस्था है. बाबा साहब भीमराव अंबेडकर द्वारा लिखे गए भारत के संविधान में यह व्यवस्था है. ये लोग इस देश में तानाशाही लाने जा रहे हैं, लोकतंत्र को खत्म करने जा रहे हैं.
यह खरीद-फरोख्त को बढ़ावा देने जा रहे हैं. इससे किसी भी सरकार को अल्पमत में लाकर अपनी सरकार बनाने की भाजपा की जो कोशिश रहती है, उसको बढ़ावा मिलेगा. भाजपा जिस तरह खरीद-फरोख्त करके, पैसों का इस्तेमाल या मोदी वाशिंग मशीन का इस्तेमाल करती है, वह पूरे देश में बढ़ जाएगा. क्योंकि 5 साल तक तो कुछ होना नहीं है.
'भारत की संपत्तियां लुटाते रहेंगे, बेचते रहेंगे'
संजय सिंह ने आगे कहा कि यह लोग अपने दोस्त अडानी से लेकर जितने भी लोग हैं, उन्हें भारत की संपत्तियां लुटाते रहेंगे, बेचते रहेंगे. क्योंकि 5 साल तक तो कोई कुछ कर नहीं सकता. फिर सदन का, संसद का या चुनाव का कोई मतलब नहीं बचेगा. आज कोई भी राजनेता केवल इस बात से डरता है क्योंकि उसे अगली बार फिर चुनाव में जाना होता है. अलग-अलग राज्यों में जब चुनाव होते हैं, तो पार्टियों को भी डर होता है. फिर चाहे वह केंद्र की सरकार हो या राज्य की सरकार हो. उन्हें डर रहता है कि अगर अभी महाराष्ट्र, गुजरात, झारखंड या छत्तीसगढ़ का चुनाव होना है, तो महंगाई कम करो, पेट्रोल-डीजल के दाम कम करो, गैस सिलेंडर के दाम कम करो.
लेकिन अब क्या डर रह जाएगा? इसके बाद तो अगर यह आज जीत गए तो दूसरे दिन से सिलेंडर का दाम 5000 रुपए, पेट्रोल का दाम 200 रुपए, डीजल का दाम 250 रुपए हो जाएगा. ये लोग कुछ भी करते रहेंगे और कोई कुछ नहीं कर पाएगा. 5 साल तक आप इनके खिलाफ कुछ नहीं कर सकते.
संजय सिंह ने कहा कि यह लोग 'वन नेशन, वन इलेक्शन' के माध्यम से देश के लोकतंत्र और संविधान को खत्म करना चाहते हैं और देश में तानाशाही थोपना चाहते हैं. इस देश में अपार महंगाई बढ़ेगी और कोई कुछ नहीं कर पाएगा. 5 साल के लिए केंद्र में सरकार होगी, इस बीच राज्य में भी कहीं कोई चुनाव नहीं होगा. सरकारों के अंदर कोई डर नहीं होगा. आज अलग-अलग चुनाव होने से पार्टियों के मन में डर तो रहता ही है.
संजय सिंह ने लगाया यह आरोप
संजय सिंह ने कहा कि दूसरी बात रही काम बाधित होने की, तो जिस राज्य में चुनाव होते हैं वहां आचार संहिता लगती है. वहां भी 5 साल में एक ही बार आचार संहिता लगती है, जब चुनाव होता है. या अगर बीच में सरकार गिर गई तो उस दौरान चुनाव होने के समय फिर आचार संहिता लगती है. ये लोग वैसे भी देश के लिए कौन सा बड़ा काम कर रहे हैं कि आचार संहिता से इनका काम बाधित हो रहा है.
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