Delhi News: जन्माष्टमी के साथ ही त्योहार के सीजन की शुरुआत हो जाती है. जिसके बाद नवरात्रि, दिवाली और छठ पूजा तक त्योहारों का सिलसिला चलता रहता है. इस दौरान लोग अपनों के साथ त्योहारों को मनाने घरों का रुख करते हैं, जिससे इन दिनों हर घर में खुशियों का माहौल रहता है. लेकिन इन खुशी के दिनों के बीच प्याज की बढ़ी हुई कीमतें लोगों के आंसू निकाल रही है. हालांकि, नवरात्रि के नौ दिनों तक ज्यादातर लोग तामसी भोजन और लहसुन-प्याज को वर्जित कर सात्विक भोजन करते हैं, बावजूद इसके प्याज की कीमतों में काफी उछाल देखा जा रहा है.


खपत कम होने के बाद भी चढ़े प्याज के दाम


दिल्ली के थोक मंडियों में जहां प्याज 30 से 40 रुपये किलो बिक रहा है, तो वहीं खुदरा बाजारों में इसकी कीमतें 50 से 60 रुपये किलो तक पहुंच गई है. अभी नवरात्र के कारण प्याज की खपत कम है, फिर भी प्याज की कीमतों में तेजी बनी हुई है. नवरात्रा के बाद मांग बढ़ने पर इसकी कीमतों में और भी उछाल आने की संभावना है. इसकी वजह कर्नाटका में सूखे के कारण प्याज की फसलों का खराब होना एक बड़ा कारण है.


कर्नाटक में सूखे के कारण प्याज की फसल हुई खराब


थोक मंडी के प्याज व्यापारियों का कहना है कि, मार्केट में प्याज कम पड़ गया है. बेंगलुरु का प्याज दिल्ली नहीं पहुंच रहा है. वहां फसल खराब हुई है. वहीं, अभी महाराष्ट्र के नासिक और मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों से प्याज आ रही है. अगले महीने नवंबर से अलवर का प्याज दिल्ली आने लगेगा लेकिन नवरात्र के बाद फिर से प्याज की खपत बढ़ेगी, जिससे अगले महीने में प्याज की कीमतों में गिरावट की संभावना नहीं है.


अगले साल अप्रैल से पहले नहीं मिलेगी राहत


व्यापारियों का कहना है कि, अगले साल अप्रैल महीने तक प्याज की बढ़ी हुई कीमतों से लोगों को राहत मिलती नहीं दिख रही है. अप्रैल महीने में नासिक से फसल आने के बाद ही प्याज की कीमतों में गिरावट आएगी. व्यापारियों ने बताया कि अभी दिल्ली की सभी मंडियों में प्याज की 70 से 80 गाड़ियां आ रही हैं. वहीं भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ मर्यादित (नेफेड) की 15-20 गाड़ी आ रही हैं, जिसका भाव 32 से 35 रुपये किलो है, लेकिन मांग के अनुसार यह प्याज पर्याप्त नहीं है.


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