Operation Kaveri News: अफ्रीकी देश सूडान में छिड़े गृह युद्ध के बीच 360 भारतीय नागरिकों का पहला ग्रुप बुधवार (26 अप्रैल) को भारत पहुंच गया. सूडान से वाया सऊदी अरब होते हुए 360 भारतीय नागरिकों का ग्रुप 'ऑपरेशन कावेरी' के तहत दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचा. सूडान से बुधवार को देश के अलग-अलग राज्यों के रहने वाले लोग भारत पहुंचे हैं.
सूडान से वापस आए भारतीय नागरिकों ने अपने-अपने खौफनाक अनुभव को शेयर किया और उन्होंने अपनी आपबीती बताई. एक भारतीय नागरिक शीशपाल सिंह ने कहा कि सूडान में बहुत खतरनाक हालात है. भारत सरकार ने बहुत अच्छा काम किया है. ऐसा लग रहा है जैसे दूसरी जिंदगी मिल गई है. एक और शख्स ने कहा कि लूटपाट बहुत ज्यादा हो रही थी. आर्मी के लोग अपनी बंदूक हमारे सिर पर रख देते थे. सेना के जवान लूटपाट कर रहे हैं. मेरा कपड़ा, मोबाइल और पैसा सब लूट कर ले गए. जब वहां पर थे तो हमें उम्मीद नहीं थी कि जिंदा वापस आ पाएंगे.
'हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं'
वहीं एक और भारतीय नागरिक ने बताया कि अब अपने देश आ गए हैं, यह बहुत राहत की बात है. हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. भारत सरकार का बहुत शुक्रिया. वहां पर बम और गोलियां लगातार गिर रहे हैं. कब हमको लग जाए, इसकी कोई गारंटी नहीं थी. एक ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बहुत-बहुत धन्यवाद करना चाहता हूं. 15 दिन से हम लोग वहां पर फंसे थे. सूडान के हालात बहुत खराब थे. मेरी आंखों के सामने गोलीबारी हो रही थी. गोली चलते हुए दिख रहे थे. भारत माता की जय, नरेंद्र मोदी की जय."
एक और भारतीय नागरिक ने कहा कि किसी तरीके से जान बचाकर वापस आए हैं. अपना सामान वगैरह वहीं छोड़कर आए हैं. अब वापस कभी नहीं जाएंगे. वहां वापस जाने का मतलब है गोली खाना. कोई भी वहां पर मरने के लिए नहीं जाएगा. अब यही रह कर अपना कोई छोटा-मोटा धंधा कर लेंगे लेकिन वापस नहीं जाएंगे.
बहुत ज्यादा बमबारी हो रही थी- भारतीय नागरिक
यूपी के रहने वाले धर्मेंद्र कुमार मिश्रा ने कहा, "मैं सूडान के खार्तूम एरिया में काम करता था और वहां पर बेहद डरावने हलात थे. बहुत ज्यादा बमबारी हो रही थी. विषम परिस्थिति में वहां से निकले हैं. रात में आदमी घर में घुस जाते थे. सामान वगैरह सब ले गए. हम लोग कूड़ेदान में अपना मोबाइल और पैसा फेंक देते थे. अब यहां अपने देश आकर ऐसा लग रहा है नई जिंदगी मिल गई है."
इसके अलावा सूडान से भारत पहुंचे कई लोगों ने कहा कि उनके मोबाइल और सामान के साथ-साथ पैसे भी छिन लिए गए. इसके अलावा कुछ लोगों ने कहा कि उन्होंने मारा-पीटा भी गया. लूटने के लिए दिन में 5-6 बार लोग आते थे. भारत पहुंचने पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी धन्यवाद कहा. लोगों ने बताया कि फाइटर विमान से बम कहीं पर भी गिरा देते थे. रात भर परेशान होते रहते थे. 100 मीटर रेंज के अंदर गोला गिरता था.
'वापस वहां नहीं जाएंगे'
एक और शख्स ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि हम दोबारा वापस वहां नहीं जाएंगे. हम मौत के मुंह में दोबारा कदम नहीं रखना चाहेंगे. जान बची तो लाखों पाए. खाने के लिए एक टाइम खाना मिलता था. सोना तो हम भूल ही गए थे. फरीदाबाद के एक परिवार ने बताया कि उन्होंने वापस अपने मुल्क आने की उम्मीद छोड़ दी थी लेकिन भारत सरकार और नेवी भगवान के रूप में सामने आई. उन्हें और उनके परिवार को नई जिंदगी मिली है.
उन्होंने बताया, "वहां पर कभी भी मौत आ सकती है, ऐसा लग रहा था. जब मौत सामने हो तो यह लगता है कि कोई आए और हमें बचा ले जाए. हम सोच रहे थे कि पीएम मोदी हमें बचाएंगे और हां उन्होंने यह सच कर दिखाया. उन्होंने हमें बचा लिया. हम तो हार चुके थे कि मर जाएंगे. हमें नई जिंदगी मिली है, हम तो होप खो चुके थे. एक छात्र ने बताया कि बम गिरने पर टीचर्स ने बोला कि टेबल के नीचे छुप जाओ.
सूडान में पिछले 12 दिनों से संघर्ष जारी
गौरतलब है कि सूडान में पिछले 12 दिनों से देश की सेना और एक अर्धसैनिक बल (रैपिड सपोर्ट फोर्सज) के बीच घातक संघर्ष जारी है, जिसमें कथित तौर पर 400 से अधिक लोग मारे गए हैं. सूडान की सेना और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स के बीच गहन बातचीत के बाद 72 घंटे के युद्धविराम पर सहमति बनने के मद्देनजर भारत ने सूडान से भारतीयों को निकालने के अपने प्रयास तेज किए है. बता दें कि खार्तूम में भारतीय दूतावास के अनुसार, सूडान में लगभग 2,800 भारतीय नागरिक हैं. इनमें से 360 नागरिक भारत पहुंच गए हैं.
किन-किन राज्यों के कितने लोग सूडान से भारत पहुंचे?
असम- 3
बिहार- 98
छत्तीसगढ़- 1
दिल्ली- 3
हरियाणा- 24
हिमाचल प्रदेश- 22
झारखंड- 6
मध्य प्रदेश- 4
ओडिशा- 15
पंजाब- 22
राजस्थान- 36
यूपी- 116
उत्तराखंड- 8
पश्चिम बंगाल- 2
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