Delhi News: लोकसभा चुनाव 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता से बेदखल करने के लिए विपक्षी दल एकजुट हो रहे हैं. इसी के चलते बिहार की राजधानी पटना में 23 जून को नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी गोलबंदी हुई, जिसमें 15 विपक्षी दलों के शीर्ष नेता शामिल हुए. इस मीटिंग में जहां हर पार्टी ने 'बीजेपी हटाओ' मुहिम को गंभीरता से लिया, तो वहीं आम आदमी पार्टी केंद्र द्वारा दिल्ली में लाए गए अध्यादेश के मुद्दे पर कांग्रेस का रुख जानने के लिए उत्सुक दिखी. हालांकि कांग्रेस ने चुप्पी साधी रखी, जिसके बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल नाराज होकर बैठक से चले गए.


बीजेपी से लड़ने के लिए साथ मिलना होगा?


इसके बाद से ही देश की राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं के बीच बयानबाजी का दौर जारी है. दोनों पार्टियों के नेता लगातार एक दूसरे के पुराने बयान निकालकर आरोप लगा रहे हैं, जिससे राजधानी दिल्ली का सियासी पारा इस वक्त काफी हाई है. सीएम केजरीवाल ने तो यहां तक कह दिया कि कांग्रेस ने बीजेपी से डील कर ली है कि राज्यसभा में वोटिंग के वक्त वह वॉकआउट करेगी. ऐसे में जब कांग्रेस नेता अजय माकन से ये पूछा गया कि क्या आपको ये नहीं लगता है कि आगे चलकर कांग्रेस नेतृत्व को ये समझना होगा कि 2024 में मिलकर लड़ने के लिए एक-एक तिनका आपको जोड़कर एक घर बनाना होगा जिससे आप बीजेपी से लड़ पाएंगे? तो उन्होंने बखूबी इसका जवाब दिया.


'6 महीने में फेल हो जाएगी विपक्षी एकता'


कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि, 'हम सभी को मिलकर चलना होगा. लेकिन साथ में हमें ये भी सोचना होगा कि बीजेपी नेशनल पार्टी है. और जब तक बीजेपी के सामने एक मजबूत धुरी की तरह से ना हो, महत्वपूर्ण रोल न अदा करे, और दूसरी पार्टी जब तक साथ न दें, तब तक कोई भी विपक्ष की एकता में एक बार सरकार बना भी लेंगे, 77 के एक्सपेरिमेंट की तरह 6 महीने में फेल हो जाएगी. अगर हमें कोई लंबे समय के लिए बीजेपी के खिलाफ मुकाबला करना है तो हमें एक नेशनल पार्टी को ही सामने खड़ा करना होगा. ऐसे में कांग्रेस को कमजोर करके यदि कोई सोचे की स्ट्रांग नेशनल एलायंस बन जाए तो ये मुमकिन नहीं है. कांग्रेस को मजबूत रखकर ही दूसरी पार्टी सब साथ में जुड़ें तभी आगे चलेगा. अगर कोई समझे की कांग्रेस को कमजोर करके बीजेपी से मुकाबला किया जा सकता है तो ये नहीं होगा.'


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