Padma Awards 2022: जानिए - बुद्धदेब भट्टाचार्य और संध्या मुखर्जी समेत और कौन सी बड़ी हस्तियां हैं जिन्होंने ये सम्मान लेने से कर दिया इनकार?
बुद्धदेब भट्टाचार्य ने यह कहकर पुरस्कार लेने से इनक़ार कर दिया कि वो इस पुरस्कार से अनजान थे,आइये आपको बताते हैं कि और कौन- कौन लोग इस लिस्ट में शामिल हैं जिन्होंने पद्म सम्मान को ठुकरा दिया
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Padma Awards Refusals Or Rejections: हाल ही में पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य ने पद्म भूषण पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया है. बुद्धदेब मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता हैं और 2000 से 2011 तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. आइये आपको बताते हैं कि इनके अलावा और कौन-कौन सी ऐसी शख्सियत हैं जिन्होंने ये सम्मान लेने से इनकार किया है.
1. बुद्धदेब भट्टाचार्य
बुद्धदेब भट्टाचार्य का कहना है कि वह इस पुरस्कार से अनजान थे. उनके मुताबिक़ उन्हें इस बारे में कुछ नहीं बताया गया. अपने एक बयान में उन्होंने कहा कि “मुझे पद्म भूषण देने का फैसला किया है, तो मैं इसे स्वीकार करने से इनकार करता हूं,"
2. संध्या मुखर्जी
इसी साल महान बंगाली गायिका संध्या मुखर्जी जिन्हें संध्या मुखोपाध्याय के नाम से भी जाना जाता है, ने भी पद्म पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया है.बेटी सौमी सेनगुप्ता ने कहा कि मुखर्जी ने दिल्ली से फोन करने वाले वरिष्ठ अधिकारी से कहा कि वह गणतंत्र दिवस पुरस्कार सूची में पद्म श्री नामित होने के लिए सहमति मांगने पर पद्म श्री प्राप्तकर्ता के रूप में नामित होने को तैयार नहीं हैं. सेनगुप्ता ने कहा, "90 साल की उम्र में, लगभग आठ दशकों से अधिक के गायन करियर के साथ, पद्म श्री के लिए चुना जाना उनके कद के गायक के लिए अपमानजनक है."
3. ई.एम.एस नंबूदरीपाद
इसके अलावा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता और केरल के पहले मुख्यमंत्री ईएमएस नंबूदरीपाद ने भी पद्म पुरस्कार को ठुकरा दिया था. ईएमएस को 1992 में पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा भाजपा के अटल बिहारी वाजपेयी के साथ पद्म विभूषण पुरस्कार के लिए चुना गया था. वाजपेयी ने पुरस्कार प्राप्त किया, जबकि मार्क्सवादी दिग्गज ने इसे अस्वीकार कर दिया.
4. निखिल चक्रवर्ती
पत्रकार निखिल चक्रवर्ती ने 1990 में यह कहते हुए पुरस्कार को अस्वीकार कर दिया कि "पत्रकारों की पहचान प्रतिष्ठान से नहीं होनी चाहिए,"
5. प्रकाश सिंह बादल
वही पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, जिन्हें 2015 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था, ने किसानों के विरोध के समर्थन में दिसंबर 2020 में सम्मान लौटा दिया.
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