Padma Award 2022 : तारा जौहर को किया जाएगा पद्मश्री से सम्मानित, जानिए कौन है ये
तारा जौहर को पद्मश्री सम्मान से नवाजा जाएगा. तारा जौहर अरबिंदो के आंदोलन में अमूल्य योगदान दिया था. तारा जौहर के पिता का नाम सुरेंद्र नाथ जोहर था उन्होंने दिल्ली में श्री अरबिंदो आश्रम की नींव रखी थी.
Tara Johar : 73 वें गणतंत्र दिवस से पहले सरकार ने पद्म पुरस्कार 2022 की घोषणा कर दी, पद्म पुरस्कार में कुल 128 विभूतियों का नाम शामिल है, जिन्हें अलग-अलग क्षेत्रों में किए गए उल्लेखनीय काम के लिए पद्मश्री सम्मान से नवाजा जाएगा, पद्मश्री पाने वाले इन्हीं विभूतियों के बीच एक ऐसी महिला है जिन्हें साल 2017 में आठवा ऑरो रत्ना पुरस्कार दिया गया था. जिन्होंने अरबिंदो के आंदोलन में अपना अमूल्य योगदान दिया था, यही वजह है कि तारा जौहर के सम्मान में लोग कहते हैं उनका परिचय देने का मतलब है सूर्य का परिचय देना. इसके पीछे का कारण यह बताते हैं कि तारा जौहर की उपलब्धियां महान है, तारा जौहर को लिटरेचर और एजुकेशन के क्षेत्र में काम करने पर ये पद्मश्री दिया जा रहा है.
तारा जौहर ने लिखा था 'ग्रोइंग उप विद मय मदर' नामक किताब
आपको बता दें कि 6 भाई बहनों में तारा जौहर में बचपन से ही प्रतिभा झलकती थी, उन्होंने श्री अरबिंदो आश्रम में अपना पूरा जीवन बिता दिया, उन्होंने अरबिंदो आश्रम के लिए काफी काम किया है. अपना पूरा जीवन उस आश्रम को समर्पित कर दिया, इसके पीछे का कारण यह बताया जाता है कि तारा अपनी मां के काफी नजदीक थी और उनका पूरा बचपन मां के आस पास बीता था इसलिए उन्होंने एक किताब 'ग्रोइंग उप विद मय मदर' लिखी थी उनकी ये किताब काफी प्रचलित हुई. तारा जोहर श्री अरबिंदो आश्रम के दिल्ली ब्रांच प्रमुख हुआ करती थी और उनकी बहन लता जोहर श्री अरबिंदो आश्रम पांडिचेरी में पढ़ाया करती थी.
तारा जौहर का परिवार
आपके बता दें कि तारा जौहर के पिता का नाम सुरेंद्र नाथ जोहर था उन्होंने दिल्ली में श्री अरबिंदो आश्रम की नींव रखी थी. तारा जौहर 6 भाई बहन थे, जिसमे चार बहने थी और उनके दो भाई थे. तारा जौहर का बचपन उनकी मां के आंचल में बीता है और वह अपनी मां के आंखों का तारा भी कही जाती थी. इसके साथ ही उनके आश्रम के स्कूल में बचपन से ही उनकी प्रतिभा को अलग पहचान मिली हुई थी. ज्ञात हो कि तारा जौहर को 8 भाषाएं आती थी और वह बचपन से ही पढ़ाई लिखाई में काफी अच्छी मानी जाती थी. जिसके बाद उन्होंने दिल्ली के श्री अरबिंदो आश्रम के प्रमुख के तौर पर काम किया था.
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