दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एक करने वाला बिल संसद ने मंगलवार को पास किया. दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक 2022 को राज्यसभा ने ध्वनि मत से पारित किया है. अब राजधानी दिल्ली में तीन नगर निगमों का विलय हो जाएगा. इस बिल के पास होने पर विपक्ष ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि यह दिल्ली निकाय चुनाव प्रक्रिया को लेट करने और दिल्ली के नगर निगम को कमजोर करना है.


अब इस विधेयक के पास होने के बाद नगर पालिका के वार्डों को फिर से तैयार किया जाएगा. इसके बाद नगर निगम की सीटों को घटाकर 250 किया जाएगा और इस प्रकिया में कई महीने लग सकते हैं. इस हिसाब में दिल्ली में नगर निगम के चुनाव में काफी समय लगेगा क्योंकि इसके लिए फिर से परसीमन भी करना पड़ेगा.


राज्यसभा में इस विधेयक को पेश करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था जिस प्रकार का सौतेला व्यवहार आम आदमी पार्टी की सरकार ने तीनों निगमों के साथ किया है उसके कारण ये बिल लेकर आना पड़ा है. हमसे दुश्मनी हो सकती है लेकिन दिल्ली की जनता से क्या दुश्मनी है. गृह मंत्री ने कहा दिल्ली में तीनों नगर निगम की नीतियां अलग हैं, कार्मिकों में असमानता है, वित्तीय संसाधन और दायित्वों का सही आकलन नहीं हुआ है. दिल्ली सरकार का सौतेली मां जैसा व्यवहार है, इसलिए बदलाव जरुरी है.


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विपक्ष के आरोपों पर गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में चर्चा करते हुए कहा संसद को दिल्ली विधान सभा के बनाए कानून में संशोधन का अधिकार है क्योंकि दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है. आज भी मैं कहता हूं जो इतिहास भूल जाते हैं, वे इतिहास बन जाते हैं. ये कहावत नहीं है इसे मैं सदन में देख रहा हूं. संसद केंद्र शासित प्रदेश के लिए कोई कानून बना सकती है, संशोधित करना सकती है, निरस्त कर सकती है, जो मैं कर रहा हूं.