संसद सुरक्षा चूक मामला: नीलम आजाद ने दाखिल की थी जमानत याचिका, कोर्ट ने दिया ये फैसला
Parliament Security Breach Case: कोर्ट ने 9 सितंबर को नीलम आजाद की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा चूक मामले में नीलम को गिरफ्तार किया गया था.
संसद सुरक्षा चूक मामले में आरोपी नीलम आजाद की जमानत याचिका पर कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने नीलम आजाद की जमानत याचिका खारिज कर दी. जमानत याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि यह मानने के लिए पर्याप्त उचित आधार हैं कि आरोपी के खिलाफ लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टया सही हैं. इसलिए कोर्ट आरोपी को नियमित जमानत देना उचित नहीं मानती.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर ने सोमवार को आरोपी के वकील और सरकारी अभियोजक की दलीलें सुनने के बाद नीलम आजाद की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. न्यायाधीश ने सभी आरोपियों - आजाद, मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, ललित झा और महेश कुमावत - की न्यायिक हिरासत भी 16 अक्टूबर तक बढ़ा दी थी.
बहस के दौरान नीलम आजाद की ओर से पेश वकील ने न्यायाधीश से कहा था कि वह संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की घटना में शामिल नहीं थी और उसे इस मामले में फंसाया गया है. वकील ने दावा किया था कि पुलिस ने मामले में पहले ही एक आरोपपत्र और दो पूरक आरोपपत्र दाखिल कर दिए हैं और अदालत उन पर संज्ञान ले चुकी है.
वकील ने अदालत को बताया था, “मनोरंजन डी और सागर शर्मा संसद में कूदे और धुंआ फैलाया.” उन्होंने कहा कि नीलम आजाद संसद के बाहर थी, जहां उसने “बेरोजगार युवाओं की समस्या को उजागर करने के लिए” इसी तरह के धुंए के कनस्तर खोले और पर्चे फेंके और वह सोशल मीडिया के माध्यम से जनता का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रही थी.
नीलम आजाद ने दावा किया कि धुंआ फैलाने वाले ये कनस्तर हानिकारक नहीं थे. उसने आवेदन में कहा, “वह आपराधिक साजिश का हिस्सा नहीं थी. जांच पूरी हो चुकी है और अदालत को मामले का फैसला करने में काफी समय लगेगा.”
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