MCD School Period System Implemented: राजधानी दिल्ली में दिल्ली नगर निगम की ओर से प्राइमरी स्कूल संचालित से किए जाते हैं. जिसमें नर्सरी से लेकर कक्षा पांचवी तक छात्र पढ़ाई करते हैं और निगम के प्राइमरी स्कूलों में प्रत्येक क्लास में एक ही क्लास टीचर छात्रों को पढ़ाता है. नर्सरी से लेकर पांचवी कक्षा तक हर एक कक्षा में क्लास टीचर छात्रों को हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान समेत सभी विषय पढ़ाते हैं. वहीं दूसरी तरफ सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में हर एक विषय के लिए अलग शिक्षक होता है और हर घंटे अलग-अलग विषय की क्लास लगती है जिसे अलग-अलग शिक्षक द्वारा लिया जाता है.


सीनियर सेकेंडरी स्कूल छठी कक्षा से 12वीं कक्षा तक होते हैं जिसमें पीरियड के हिसाब से कक्षाएं लगती हैं. जबकि निगम के स्कूलों में पीरियड के मुताबिक कक्षा नहीं लगती लेकिन अब दिल्ली नगर निगम के स्कूलों में भी पीरियड व्यवस्था लागू कर दी गई है. निगम के शिक्षा विभाग में सभी विद्यालयों में पीरियड व्यवस्था को लागू कर दिया है. यानी कि अब प्राइमरी स्कूलों में भी पीरियड के मुताबिक कक्षाएं चलाई जाएंगी. नर्सरी से लेकर पांचवी कक्षा तक निगम के स्कूल में पढ़ने वाले छात्र अलग-अलग विषय अलग-अलग शिक्षकों द्वारा पढ़ सकेंगे.


अब हर विषय के लिए अलग शिक्षक होगा


निगम के स्कूलों में इस व्यवस्था के लागू हो जाने के बाद एक शिक्षक एक कक्षा में सभी विषय ना पढ़ा कर अलग-अलग कक्षाओं में सिर्फ एक विषय पढ़ाएंगे यानी कि हर एक विषय के लिए अलग-अलग शिक्षक होगा जिसके पीरियड के मुताबिक वह छात्रों को क्लास में पढ़ाएंगे. इसके साथ ही सभी निगम के स्कूलों में एक समान मासिक पाठ्य योजना के आधार पर शिक्षण कार्य किया जाएगा. जिससे कि यदि किसी छात्र का एक निगम विद्यालय से दूसरे निगम विद्यालय में ट्रांसफर होता है, तो उस छात्र की पढ़ाई किसी भी तरीके से प्रभावित नहीं होंगी.


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कमजोर छात्रों को एक्स्ट्रा क्लास में मिलेगी मदद 


इतना ही नहीं निगम के शिक्षा विभाग ने पढ़ाई में कमजोर छात्रों को भी चिन्हित कर उन्हें एक्स्ट्रा मदद करने के बारे में योजनाएं तैयार की है जिसके लिए छात्रों को एक्स्ट्रा क्लास लेकर पढ़ाया जाएगा, जिससे कि छात्रों की शिक्षा में सुधार होगा. इसके साथ ही इस व्यवस्था के लागू हो जाने के बाद निगम के सभी स्कूलों में सभी शिक्षकों को इस पाठ्यक्रम के अनुसार सभी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी जिससे कि वह निगम के स्कूलों में अलग-अलग कक्षाओं में छात्रों को इस योजना के अंतर्गत पढ़ा सके. निगम का मानना है कि इस व्यवस्था के लागू होने के बाद छात्रों को अच्छे से पढ़ाई करने में मजा आएगा, वह एक ही शिक्षक से पूरा दिन पडने पर बोर नहीं होंगे और वह खुश होकर पढ़ाई करेंगे. शिक्षकों के लिए भी सिर्फ एक विषय पर कंसंट्रेट कर के सभी छात्रों को पढ़ाने में अच्छा लगेगा.


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