Pervez Musharraf Death: दिल्ली के दरियागंज स्थित इस हवेली में हुआ था परवेज मुशर्रफ का जन्म, यहीं गुजरा था उनका बचपन
Delhi News: मुशर्रफ का जन्म 1943 में दिल्ली के दरियागंज में हुआ था. पाकिस्तान का राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी भारत यात्रा के दौरान वह अपने पैतृक मकान भी गए थे और वहां अपने दोस्तों से मुलाकात की थी.
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Pervez Musharraf Death: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) का लंबी बीमारी के बाद रविवार को दुबई के एक अस्पताल में निधन हो गया. वह 79 साल के थे. दुबई के एक अमेरिकी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. भारत-पाकिस्तान के बीच 1999 में हुए कारगिल युद्ध के मास्टरमाइंड रहे परवेज मुशर्रफ के निधन पर आज हम आपको उनके भारत से रिश्ते के बारे में बताने जा रहे हैं.
दिल्ली में हुआ था मुशर्रफ का जन्म
बहुत कम लोगों को पता होगा कि बंटवारे से पहले परवेज मुशर्रफ का परिवार दिल्ली के दरियागंज में रहता था. यही नहीं साल 1943 में परवेज मुशर्रफ का जन्म दरियागंज स्थिति उनके पैतृक घर में ही हुआ था. उनका घर 'नेहरवाली हवेली' दरियागंज में गोलचा सिनेमा के पीछे कूचा सादुल्लाह खान में स्थित है. बंटवार के बाद पाकिस्तान जाने से पहले मुशर्रफ ने अपने जीवन के शुरुआती चार साल यहीं रहकर बिताए थे.
2001 से 2008 तक किया पाकिस्तान पर शासन
कई मामलों में आरोपी परवेज मुशर्रफ ने कानूनी शिकंजे से बचने के लिए पाकिस्तान छोड़ दिया था और दुबई में रहने लगे थे. साल 2001 में मुशर्रफ ने प्रधान मंत्री नवाज शरीफ को अपदस्थ करने के बाद खुद को पाकिस्तान के राष्ट्रपति के रूप में नियुक्त किया था और 2008 तक पाकिस्तान पर शासन किया.
राष्ट्रपति बनने के बाद किया था पैतृक मकान का दौरा
पाकिस्तान के राष्ट्रपति के तौर पर जब उन्होंने पहली बार भारत का दौरा किया तो वह दरियागंज स्थित अपने पैतृक घर भी गए थे और वहां रह रहे अपने दोस्तों से भी मुलाकात की थी. दरियागंज स्थित मुशर्रफ के पैतृक मकान नेहरवाली हवेली को उनके दादा काजी मोहतशिमुद्दीन ने पंजाब के आयुक्त के पद से रिटायर होने के बाद खरीदा था. उनका यह मकान अब खंडहर बन चुका है. विभाजन के बाद उनका परिवार पाकिस्तान चला गया और उनकी यह हवेली वीरान हो गई.
मुशर्रफ की मां भी आई थीं दरियागंज
साल 2005 में मुशर्रफ की मां जरीन ने भी अपने बेटे जावेद और मुशर्रफ के बेटे बिलाल के साथ अपने पैतृक घर का दौरा किया था. वह पूरे 23 सालों बाद अपने पैतृक मकान को देखने आई थीं, इससे पहले उन्होंने 1982 में अपने घर का दौरा किया था.
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