Delhi News: स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी और वेंकैया नायडू ने दी श्रद्धांजलि
स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी और वेंकैया नायडू ने उन्हें श्रद्धांजलि दी, इस पर प्रधानमत्री ने ट्वीट करते हुए स्वामी विवेकानंद के बारे में बताया. आइये आपको बताते है
Delhi News: उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को स्वामी विवेकानंद की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी. एक ट्वीट में, प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं महान स्वामी विवेकानंद को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. उनका जीवन राष्ट्रीय उत्थान के लिए समर्पित रहा.
प्रधानमंत्री ने ट्वीट करके यह कहा
उन्होंने कई युवाओं को राष्ट्र निर्माण की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित किया है. आइए हम देश के लिए उनके सपनों को पूरा करने के लिए मिलकर काम करते रहें."स्वामी विवेकानंद को याद करते हुए, नायडू ने ट्वीट किया, "इस धरती के महान सपूत स्वामी विवेकानंद को उनकी जयंती पर मेरी विनम्र श्रद्धांजलि. स्वामी जी एक दूरदर्शी आध्यात्मिक नेता और भारत के एक प्रतिष्ठित राजदूत थे. अपने नेक विचारों और अनुकरणीय वाक्पटुता के माध्यम से, उन्होंने दुनिया का ध्यान भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की ओर आकर्षित किया."
एम. वेंकैया नायडू ने भी दी श्रद्धांजलि
नायडू ने कहा, "स्वामी जी ने भारतीयों में राष्ट्रवाद की भावना को जगाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वह सार्वभौमिक भाईचारे के प्रबल समर्थक थे और मानवता के उत्थान में विश्वास करते थे. स्वामी जी की शिक्षाएं अमूल्य हैं और मानवता के लिए मार्गदर्शन का एक शाश्वत स्रोत हैं."स्वामी विवेकानंद की जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी 25वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्घाटन करेंगे.
महोत्सव का उद्देश्य भारत के युवाओं की सोच को आकार देना
प्रधानमंत्री ने मंगलवार शाम को ट्वीट किया था, "कल स्वामी विवेकानंद की जयंती के विशेष अवसर पर मैं पुडुचेरी में आयोजित होने वाले 25वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव को संबोधित करूंगा. यह कार्यक्रम सुबह 11 बजे शुरू होगा." महोत्सव का उद्देश्य भारत के युवाओं की सोच को आकार देना और उन्हें राष्ट्र निर्माण के लिए एक संयुक्त शक्ति में बदलना है. यह सामाजिक एकता और बौद्धिक और सांस्कृतिक एकीकरण में सबसे बड़े अभ्यासों में से एक है. इसका उद्देश्य भारत की विविध संस्कृतियों को एकसाथ लाना और उन्हें 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के एक सूत्र में एकीकृत करना है.
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