Delhi CM Residence Controversy: अधिकारियों के आवास को गिराने पर सियासी जंग तेज, कांग्रेस ने LG से की जांच की मांग
Delhi Politics: कांग्रेस नेता अजय माकन ने एलजी से अपील की है कि अगर सीएम अरविंद केजरीवाल आवास विवाद मामले में दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की इजाजत दें.
Delhi CM Housing Dispute News: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास निर्माण मामले पर राजधानी में सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा. अब बीजेपी के बाद कांग्रेस ने इसको गंभीरता से लेते हुए एलजी विनय सक्सेना से सीएम आवास विवाद मामले में दखल देने की मांग की है. दरअसल, दिल्ली सीएम आवास विवाद को लेकर पिछले कुछ दिनों से बीजेपी सीएम अरविंद केजरीवाल को घेरने में जुटी है. अब कांग्रेस ने सीएम केजरीवाल की मुश्किलों को बढ़ाते हुए एलजी से इस मामले की जांच की मांग की है.
कांग्रेस ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के निर्माण पर हुए अत्यधिक खर्च की जांच कराने और दोषी पाए जाने पर मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने की मांग की है. उपराज्यपाल को लिखे पत्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने दिल्ली में मुख्यमंत्री आवास के निर्माण में अत्यधिक खर्च, पर्यावरणीय नुकसान और विरासत संरक्षण तथा जोनल योजनाओं के उल्लंघन को लेकर गहरी चिंता और निराशा की है.
दोषी पाए जाने पर सीएम के खिलाफ चले मुकदमा
दिल्ली कांग्रेस के पूर्व प्रमुख अजय माकन ने कहा है कि मुख्यमंत्री के नए आवास के निर्माण में सरकारी खजाने से करीब 171 करोड़ रुपये खर्च हुए, फ्लैगस्टाफ रोड पर मुख्यमंत्री आवास के पास 22 में से 15 अधिकारियों के आवास ढहा दिए गए या खाली करा लिए गए. जबकि बाकी को दोबारा आवंटित नहीं करने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि मैं आपसे इस मामले की जांच कराने का अनुरोध करता हूं. साथ ही ये भी कहा है कि दोषी पाए जाने पर प्रमुख लाभकर्ता मुख्यमंत्री तथा मुख्य दोषी पीडब्ल्यूडी मंत्री पर मुकदमा चलाने की भी मंजूरी दें.
दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अजय माकन ने आरोप लगाया कि नए मुख्यमंत्री आवास ने मास्टर प्लान दिल्ली (एमपीडी) 2021 का उल्लंघन किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि इसे सिविल लाइंस ओल्ड बंगला जोन में बनाया गया है जो एमपीडी 2021 के तहत एक संरक्षित क्षेत्र है. कांग्रेस नेता ने यह भी आरोप लगाया कि निर्माण प्रक्रिया के दौरान 28 पेड़ काटे गए जो एमपीडी 2021 के प्रावधान के विरुद्ध है जिसमें इन संरक्षित इलाकों में हरित क्षेत्र के संरक्षण की महत्ता पर जोर दिया गया है.
यह भी पढ़ें: Wrestlers Protest: जंतर-मंतर पर किसानों ने तोड़े बैरिकेड, लगाए सरकार विरोधी नारे, हंगामा...