Delhi Political Snooping: केजरीवाल सरकार के खिलाफ CBI का बड़ा खुलासा, LG से मांगी इस बात की इजाजत
Political Snooping Delhi: दिल्ली की राजनीति में भूचाल लाने वाले मामले को उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने राष्ट्रपति के पास सीबीआई जांच के लिए भेजा.
Delhi Political Snooping Case: एक बड़े नौकरशाह की शिकायत के आधार पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. यह खुलासा दिल्ली की राजनीति में बवंडर मचाने वाला है. सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार (Arvind Kejriwal Government) पर बीजेपी (BJP) नेताओं की जासूसी (Delhi Political Snooping) कराने का आरोप लगाया है. बताया गया है कि इस मामले की जांच सीबीआई ने एक बड़े अफसर की शिकायत के आधार पर शुरू की थी.
सीबीआई की रिपोर्ट में केजरीवाल सरकार पर बीजेपी की जासूसी का आरोप लगा है. रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि केजरीवाल सरकार ने साल 2015 में नेताओं-अफसरों की जासूसी के लिए के लिए एक यूनिट बनाई थी. इस यूनिट के जरिए बीजेपी नेताओं की जासूसी के आरोप लगे हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक 2015 में आम आदमी सरकार ने नेताओं और अफसरों की जासूसी कराई थी. अब CBI ने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार से इस मामले में आगे की कार्रवाई की इजाजत मांगी है.
खास बात यह है कि उपराज्यपाल ने इस मामले को राष्ट्रपति के पास सीबीआई जांच के लिए भेज दिया है. यह मामला सामने आने के बाद बीजेपी नेता सांसद और दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष मनोज तिवारी ने केजरीवाल सरकार पर हमला बोल दिया है. मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली की फीडबैक यूनिट जासूसी कर रही है. AAP सरकार छिपकर बातें सुन रही है. AAP के नेता दिल्ली के लिए काम नहीं कर रहे, बल्कि दिल्ली के टैक्सपेयर्स के पैसे से अवैध तरीके से जासूसी करते हैं.
FBU ने की थी 700 केसों की जांच
ताजा अपडेट के मुताबिक केजरीवाल सरकार द्वारा गठित फीडबैक यूनिट ने 700 केसों की जांच की. केंद्रीय जांच ब्यूरो के मुताबिक इनमें 60 प्रतिशत मामले राजनीतिक थे. फिलहाल ये साफ नहीं है कि फीडबैक यूनिट वर्तमान में एक्टिव है या नहीं. फीडबैक यूनिट ने अभी तक 700 केसों की जांच की. माना जा रहा है कि जांच में शामिल अधिकांश केसों में कई मामलों में निगरानी से कोई लेना देना नहीं है.
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