MCD Election 2022: दिल्ली में कूड़े पर सियासत तेज, गाजीपुर पहुंचे मनीष सिसोदिया ने कहा- लोगों की जान खतरे में डाल रही है बीजेपी
Delhi News: गाजीपुर लैंडफिल साइट को लेकर निगम ने कहा है कि लैंडफिल साइट का कोई हिस्सा नहीं ढहा है, बल्कि वेस्ट टू एनर्जी प्लांट की एक दिवार का एक छोटा सा हिस्सा गिरा था. उसे ठीक किया जा रहा है.
Delhi News: दिल्ली में निगम चुनाव से पहले कूड़े के पहाड़ को लेकर राजनीति तेज हो गई है. रविवार रात 11 बजे पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर लैंडफिल साइट के पास एक दीवार गिर गई. इस हादसे में कोई घायल नहीं हुआ है. लेकिन इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी बीजेपी शासित निगम पर हमलावर है. रविवार को हुए इस हादसे के बाद बुधवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया गाजीपुर लैंडफिल साइट पहुंचे, वहां उन्होनें बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी दिल्ली वालों की जान को खतरे में डालने का काम कर रही है. लैंडफिल साइड को खत्म करने की जगह कूड़े को दूसरी तरफ शिफ्ट किया जा रहा है.
वहीं गाजीपुर लैंडफिल साइट को लेकर लगे आरोपों पर दिल्ली नगर निगम ने सफाई दी है. निगम का कहना है कि लैंडफिल साइड का कोई हिस्सा नहीं ढहा है, ना ही गिरा है. बल्कि वेस्ट टू एनर्जी प्लांट की एक दिवार का एकह छोटा सा हिस्सा गाजीपुर की ओर गिरा था. जिसे ठीक करने का काम किया जा रहा है. लैंडफिल साइट पर कूड़े के निस्तारण को लेकर काम लगातार जारी है.
वहीं निगम का कहना है कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा दिल्ली सरकार पर 900 करोड़ रुपए का मुआवजा लगाया गया था. एनजीटी ने दिल्ली सरकार को ये राशि निगम को देने का आदेश दिया है. लेकिन लैंडफिल साइट की सुरक्षा के लिए जरूरी धनराशि आज तक राज्य सरकार द्वारा निगम को उपलब्ध नहीं कराई गई है. निगम अपने 3 लैंडफिल साइटों से लगातार कचड़े का निपटान कर रहा है, जो 280 लाख मीट्रिक टन से घटकर 203 लाख मीट्रिक टन हो गया है.
आप के दावे को MCD ने किया खारिज
निगम के अधिकारियों ने आम आदमी पार्टी द्वारा लगाए जा रहे 16 नए लैंडफिल साइट बनाए जान के दावें को भी खारिज किया है. इस झूठे दावे का निगम द्वारा पहले भी कई मौकों पर स्पष्ट रूप से खंडन किया जा चुका है. इसके स्पष्ट खंडन करने का कारण यह है कि निगम के पास पहले से ही दिल्ली से प्रतिदिन निकलने वाले कुल कचड़े में से 75% कचरे को प्रोसेस करने की क्षमता है.
इसके अलावा दिल्ली के नागरिकों के बीच कचरा पृथक्करण (वेस्ट सेग्रीगेशन) को लेकर जागरूकता बढ़ रही है. जिससे रोजाना होने वाले कूड़े के उत्पादन में भी कुछ कमी आएगी. और आने वाले समय में कचरे को लैंडफिल साइट पर ले जाने की जरूरत ही नहीं होगी. लिहाजा नई लैंडफिल साइट स्थापित करने की भी आवश्यकता नहीं है.