दिल्ली में बुधवार को हुई बारिश से गर्मी से काफी राहत मिली और इससे भीषण गर्मी का तापमान भी कम हो गया. इसके साथ ही दिल्ली में गर्मी की वजह से बढ़ रही बिजली की डिमांड पर भी ब्रेक लग गया है. गुरुवार को दिल्ली में बिजली की मांग 5218 मेगावट दर्ज की गई है. यह आंकड़ा शाम 4 बजे तक का है जो कि 2 मई की तुलना में लगभग एक हजार मेगावाट कम है. मई के पहले सप्ताह में सबसे अधकि बिजली की डिमांड रही थी, 2 मई को दिल्ली में बिजली की मांग 6,194 मेगावाट दोपहर 3.34 बजे और 6,247 मेगावाट 11.30 बजे थी.


बुधवार को बारिश आने से पहले दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग सुबह 6,129 मेगावाट थी, जो दोपहर में 3:25 पर 6,025 मेगावाट थी. इसके बाद शाम में हुई बारिश के बाद शहर में रात 9.05 बजे बिजली की पीक डिमांड घटकर 3,965 मेगावाट रह गई. दिल्ली की पीक बिजली की मांग रात 9 बजे के आसपास 5,085 मेगावाट के आसपास रहती है लेकिन बारिश की वजह से इसमें काफी कमी देखी गई है.


बिजली विभाग अधिकारियों ने कहा कि शहर में बिजली भार अधिकतर एयर कंडीशनर, कूलर और पंखे से आता है. अगर पिछले कुछ सालों में दिल्ली की बढ़ती मांग के आंकड़ों को देखा जाए तो, दिल्ली में साल 2021 में 4,420 मेगावाट, 2020 में 3,522 मेगावाट और मई के पहले सप्ताह में 2019 में 5,808 मेगावाट बिजली की मांग दर्ज की गई. 


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हालांकि इस साल गर्मी में दिल्ली की सबसे अधिक बिजली की मांग पहली बार 8,000 मेगावाट को पार कर सकती है और यहां तक ​​कि 8,200 मेगावाट तक पहुंच सकती है, शहर की सबसे अधिक बिजली की मांग साल 2018 की गर्मियों में पहली बार 7,016 मेगावाट पर 7,000 मेगावाट को पार कर गई थी. साल 2020 की गर्मियों के दौरान पीक बिजली की मांग 6,314 मेगावाट और 2021 में 7,323 मेगावाट थी.


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