Delhi News: दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद कैदियों को रोजगार के लिए प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से जेल के डीजी संजय बेनीवाल के मार्गदर्शन में 'प्रारंभ योजना' की शुरुआत की गई थी. इसके तहत कैदियों में विभिन्न प्रकार के कौशल को विकसित करने के लिए उन्हें प्रशिक्षण दिया गया, ताकि वे उस आधार पर रोजगार पा कर अपने जीवन को सही और नई दिशा दे कर मुख्य धारा में लौट सकें. देश के किसी भी जेल में चलाई गई इस तरह की यह पहली योजना है. इस योजना के पहले चरण में तय किया गया था कि, 1020 कैदियों को कौशल प्रशिक्षण देकर लाभकारी रोजगार प्रदान करना है.
492 कैदियों को मिला सर्टिफिकेट
जेल अधिकारियों के मुताबिक इससे देश के सुधार केंद्रों के हजारों कैदियों के सुधार और पुनर्वास में काफी सहायता मिलेगी. इस कार्यक्रम के तहत तिहाड़ जेल में अब तक 79 महिला कैदियों समेत कुल 492 कैदियों को कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूरा करने पर सर्टिफाईड (प्रमाणित) किया जा चुका है. इसकी सफलता को देखते हुए सेंट्रल जेल नंबर 4 के अधीक्षक गौरव यादव को तिहाड़ जेल में शुरू की गई "प्रारंभ योजना" के बारे में जानकारी देने के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ करेक्शनल एडमिनिस्ट्रेशन (आईसीए), चंडीगढ़ द्वारा एक संसाधन व्यक्ति के रूप में आमंत्रित किया गया था.
पहले चरण में 1020 कैदियों का प्रसिक्षण
इस योजना के पहले चरण में 1020 कैदियों को लाभकारी रोजगार प्रदान करने के लिए शुरू की गई यह योजना कैदियों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है. इसके लिए जेल प्रशासन ने कोर्ट से उन कैदियों को सशर्त जमानत देने का अनुरोध किया है, जिन्होंने इस प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक प्राप्त कर लिया है. इस कार्यक्रम के तहत 1020 कैदियों में से 79 महिला कैदियों समेत 492 ने सफलतापूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त किया है, जबकि प्रशिक्षण के दौरान बेल मिलने की वजह से कई कैदी प्रशिक्षण पूरा नहीं कर पाए, तो कुछ ड्रॉप आउट हो गए. वहीं बेल मिलने पर प्रशिक्षण छोड़ कर गए कैदियों की जगह नए कैदियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है.
आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा मिली स्वीकृत
ICA में शामिल हुए विभिन्न राज्यों के जेल प्रतिनिधियों ने इस योजना की काफी सराहना की और राज्य जेल प्रशासनों ने भी इस योजना को अपनी जेलों में अपनाने को लेकर उत्सुकता जाहिर की है. बता दें कि कैदियों को प्रशिक्षित कर उनके पुनर्वास में सहायता के लिए शुरू किए गए इस कार्यक्रम को आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) द्वारा स्वीकृति प्राप्त है. इसके तहत मेसर्स प्रिमेरो स्किल्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कैदियों को राष्ट्रीय कौशल योग्यता ढांचे के दिशानिर्देशों के अनुसार पर्यटन और आतिथ्य कौशल परिषद (टीएचएससी) के मूल्यांकन और प्रमाणन के तहत प्रशिक्षित किया जा रहा है.
इस तरह तय हुई जॉब लोकेशल
गौरतलब है कि, टीएचएससी के एक प्रतिनिधिमंडल ने जेलों का दौरा कर कैदियों से बातचीत की थी. 18 अगस्त को टीएचएससी ने सभी 492 प्रमाणित उम्मीदवारों को जॉब इंटरव्यू के लिए प्री-स्क्रीनिंग के लिए दो सदस्यीय टीम भेजी थी. यह प्रक्रिया कैदियों के जॉब लोकेशन और उससे संबंधित लचीलेपन के निर्धारण के साथ उनके स्किल लेवल को समझने और उन्हें उद्योग भागीदारों के साथ संरेखित करने के लिए थी. जो सैद्धांतिक रूप से मुफ्त भोजन और आवास के साथ सशर्त नौकरी प्रस्ताव पत्र प्रदान करने के लिए सहमत हुए हैं, बशर्ते उन्हें जमानत दी जाए और उन्हें इस दूसरे मौके के लिए तैयार किया जाए, जिससे वे फिर से समाज मे घुलमिल सकें.