MCD News: चांदनी चौक के कारोबारी से सांसद बने बीजेपी के प्रवीण खंडेलवाल ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) द्वारा बीते साल अप्रैल महीने में व्यापार के विभिन्न वर्गों की लाइसेंसिंग फीस में की गई 20 से 150 प्रतिशत तक की वृद्धि के खिलाफ उपराज्यपाल वीके सक्सेना को एक पत्र लिखा है. उन्होंने इस वृद्धि को अनैतिक बताते हुए उपराज्यपाल से इस मामले में संज्ञान लेने की अपील की है.


एबीपी लाइव से इस बारे में बात करते हुए खंडेलवाल ने कहा, " दिल्ली में व्यापार पहले से ही अनेक चुनौतियों से जूझ रहा है, ऐसे में यह वृद्धि व्यापारियों की कमर तोड़ कर रख देगी. इस अप्रत्याशित वृद्धि से दिल्ली के व्यापारियों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ पड़ रहा है. बड़े व्यापार से लेकर बेहद छोटे व्यापार जैसे पान-पंसारी, कॉन्फ़ेक्शनरी, छोटे-बड़े हलवाई, नाई, ड्राइक्लीनर आदि अनेक प्रकार के छोटे व्यवसायों के लाइसेंस शुल्क भी बढ़ा दिए गए हैं जबकि, सामाजिक कार्य हेतु उपयोग में आने वाली धर्मशाला एवं ऑडिटोरियम आदि लोगों के निवास हेतु होटल एवं गेस्ट हाउस आदि की लाइसेंस फ़ीस में भी बढ़ी वृद्धि की गई है, जो सही नही है."


लगभग डेढ़ गुणा अधिक शुल्क वसूलने को बताया अनुचित
उन्होंने बताया कि उपराज्यपाल को लिखी चिट्ठी में उन्होंने कहा है कि विभिन्न वर्गों की लाइसेंसिंग फीस में की गई इस बेतहाशा वृद्धि के कारण बड़ी संख्या में व्यापारिक एवं अन्य प्रतिष्ठान निगम लाइसेंस नवीकरण करने अथवा नया लाइसेंस बनवाने से कतरा रहे हैं.


व्यापारियों को राहत देने की की है अपील 
उन्होंने 2022 तक के दक्षिण दिल्ली नगर निगम में लागू लाइसेंसिंग दरों का हवाला देते हुए उपराज्यपाल को लिखा कि,  बीते वर्ष लागू की गई दरें वर्ष 2022 तक के दक्षिण दिल्ली नगर निगम में लागू लाइसेंसिंग दरों से भी लगभग डेढ़ गुणा अधिक है, जिसका कोई औचित्य नहीं है. यह दिल्ली के व्यापार पर एक अतिरिक्त आर्थिक बोझ है जिसका कोई आधार नहीं है. इसलिए उन्होंने उपराज्यपाल से इस विषय पर संज्ञान लेक्ट इस वृद्धि को वापिस लेकर दिल्ली के सभी छोटे बड़े व्यापारियों को राहत देने की अपील की है.


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