Republic Day Parade की सलामी लेने वाली देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति बनीं द्रौपदी मुर्मू, जानें उनके बारे में सबकुछ
Republic Day Parade 2023: कर्तव्यपथ पर 74वें गणतंत्र दिवस परेड की सलामी लेते ही ऐसा करने वाली राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देश की दूसरी महिला बन गईं.
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President Draupadi Murmu: देश और दुनिया में 74वां गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाने का सिलसिला जारी है. इस बीच कर्तव्यपथ पर गणतंत्र दिवस परेड की सलामी लेते ही ऐसा करने वाली राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देश की दूसरी महिला बन गई हैं. इससे पहले यह मौका प्रतिभा देवी पाटिल पाटिल को मिल चुका है. द्रौपदी मुर्मू द्वारा परेड की सलामी लेते ही कर्तव्यपथ पर झाकियों का सिलसिला भी शुरू हो गया है. भारी संख्या में देशी-विदेशी मेहमानों और हजारों की संख्या में देशवासी इस समय कर्तव्यपथ पर गणतंत्र का जश्न मना रहे हैं.
बता दें कि 74वां गणतंत्र दिवस के मद्देनजर दिल्ली अलर्ट मोड पर है. दिल्ली पुलिस एंट्री से लेकर किसी भी प्रकार की आवाजाही पर खास नजर रखने के लिए विशेष इंतजाम हैं. ताकि किसी अनहोनी से बचा जा सके.
कौन हैं द्रौपदी मुर्मू?
द्रौपदी मुर्मू का जन्म ओडिशा के मयूरभंज जिले में 20 जून, 1958 को एक आदिवासी परिवार में हुआ था. उनके पिता बिरंची नारायण टुडू थे. द्रौपदी ने अपने गृह जनपद से शुरुआती शिक्षा पूरी करने के बाद भुवनेश्वर के रामादेवी महिला महाविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की. पढ़ाई पूरी होने के बाद एक शिक्षक के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की और कुछ समय तक इस क्षेत्र में काम किया.
द्रौपदी मुर्मू का विवाह श्याम चरण मुर्मू से हुआ, जिससे उनके दो बेटे और एक बेटी हुई. बाद में उनके दोनों बेटों का निधन हो गया और पति भी छोड़कर पंचतत्व में विलीन हो गए. बच्चों और पति का साथ छूटना द्रौपदी मुर्मू के लिए कठिन दौर था लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और समाज के लिए कुछ करने के लिए राजनीति में कदम रखा.
अपने इस संकल्प के बाद उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत ओडिशी बीजेपी से जुड़कर की. बीजेपी ज्वाइन करने के बाद उन्होंने 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत के पार्षद चुनाव में हिस्सा लिया और जीत दर्ज कराई. बीजेपी ने मुर्मू को पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा का उपाध्यक्ष बना दिया. इसके बाद ओडिशा में बीजेपी और बीजू जनता दल की गठबंधन की सरकार में साल 2000 से 2002 कर वह वाणिज्य और परिवहन स्वतंत्र प्रभार मंत्री रहीं. साल 2002 से 2004 तक मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री के तौर पर काम किया. उन्होंने ओडिशा के रायगंज विधानसभा सीट से विधायकी का चुनाव भी जीता. इसके बाद में साल 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल भी नियुक्त हुईं. वह राज्य की पहली महिला गवर्नर बनीं.
ऐसा करने वाली पहली महिला थीं प्रतिभा देवी सिंह पाटिल
इससे पहले 26 जनवरी, 2008 को देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने परेड की सलामी ली थी. यह भारत के गणतंत्र का महिला और पुरुषों दोनों को दिया गया बराबरी के अधिकार का सर्वोच्च प्रदर्शन था. 25 जुलाई 2007 को पहली महिला राष्ट्रपति के रुप में शपथ ली थी. 25 जुलाई, 2007 से 25 जुलाई 2012 तक राष्ट्रपति की कुर्सी संभाली. प्रतिभा देवी सिंह पाटिल 1985 से 1990 तक राज्यसभा सदस्य रही हैं. सके बाद 1991 में 10वीं लोकसभा चुनाव में अमरावती से सांसद बनीं. प्रतिभा देवी सिंह पाटिल को कांग्रेस परिवार के वफादारों में गिना जाता है. प्रतिभा देवी सिंह पाटिल केवल 27 साल की उम्र में कांग्रेस के टिकट पर 1962 में जलगांव विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनीं और महाराष्ट्र विधानसभा में पहुंची थीं.
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