Presidential Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव के तहत आगामी 18 जुलाई को होने वाले मतदान के दौरान सांसदों और विधायकों को अलग-अलग रंग के मतपत्र दिए जाएंगे. जहां सांसदों को हरे रंग के मतपत्र दिए जाएंगे, वहीं विधायकों को गुलाबी रंग के मतपत्र मिलेंगे. राष्ट्रपति चुनाव में विधायकों का वोट उस राज्य की आबादी पर निर्भर करता है, जिसका वह प्रतिनिधित्व करते हैं. इस बार एक सांसद के मत की कीमत 700 है.
वहीं अलग-अलग रंग के मतपत्र होने निर्वाचन अधिकारियों को मतों की गिनती में आसानी होगी. मतपत्रों में दो कॉलम छपे हुए हैं. पहले कॉलम में उम्मीदवारों के नाम हैं. वहीं दूसरे में निर्वाचक मंडल के सदस्यों को प्रत्येक उम्मीदवार के लिए वरीयता क्रम लिखने की जगह निर्धारित की गई है. इस बार के राष्ट्रपति चुनाव में आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार हैं. विपक्ष की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को संयुक्त उम्मीदवार बनाया गया है.
राष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचक मंडल के सदस्यों द्वारा किया जाता है
राष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचक मंडल के सदस्यों द्वारा किया जाता है. जिसमें संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य और दिल्ली तथा केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी सहित सभी राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य होते हैं. राज्यसभा और लोकसभा या राज्यों की विधानसभाओं के मनोनीत सदस्य निर्वाचक मंडल में शामिल होने के पात्र नहीं हैं. जिस वजह से वे चुनाव में भाग लेने के हकदार नहीं होते हैं. इसी तरह विधान परिषदों के सदस्य भी राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदाता नहीं होते हैं.
सांसदों के मतों का मूल्य 708 से घटकर 700 हो गया
राष्ट्रपति चुनाव में मतदान संसद भवन और राज्यों की विधानसभाओं में होता है. मतों की गिनती संसद भवन में होती है. इस बार मतगणना 21 जुलाई को होगी. जम्मू कश्मीर में विधानसभा नहीं होने की वजह से इस बार सांसदों के मतों का मूल्य 708 से घटकर 700 हो गया है. राज्यों में विधायकों के मतों के मूल्य अलग-अलग हैं. उत्तर प्रदेश के प्रत्येक विधायक का राष्ट्रपति चुनाव में मत मूल्य अन्य किसी राज्य के विधायक से अधिक है. उत्तर प्रदेश के विधायकों के मत का मूल्य 208 है, जबकि झारखंड और तमिलनाडु के विधायकों का मूल्य 176 है. महाराष्ट्र में यह 175, सिक्किम में सात, नगालैंड में नौ और मिजोरम में आठ है.
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