Delhi School Reopening: दिल्ली में सभी स्कूल खोलने के फैसले के बाद 'चिंता' में क्यों हैं प्राइवेट स्कूल?
Delhi News: दिल्ली में 1 नवंबर से सभी क्लास के लिए स्कूलों को खोलने का फैसले पर कुछ स्कूलों को दुविधा है. उनका कहना है कि उनके सामने कुछ चुनौतियां हैं.
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Delhi School News: दिल्ली में 1 नवंबर से सभी कक्षा के स्कूलों को खोलने की इजाजत दे गई. लेकिइ इस बीच दिल्ली के कई प्राइवेट स्कूल दिवाली की छुट्टी के बाद ही छोटे बच्चों के लिए स्कूल खोलने पर विचार कर रहे हैं. इसके पीछे कई वजहें है जिसमें से एक स्कूल ट्रांसपोर्ट की उपलब्धता से जुड़ा हुआ है. स्कूलों के लिए जो एसओपी जारी की गई है उसमें कहा गया है कि स्कूल बस सिर्फ 50 फीसदी क्षमता के साथ ऑपरेट किए जा सकेंगे.
दिल्ली सरकार ने बुधवार को 1 नवंबर से सभी कक्षाओं के स्कूल खोलने का फैसला लिया है. सरकार का ये एलान ज्यादातर स्कूलों और अभिभावकों के लिए चौंकाने वाला है क्योंकि उनको उम्मीद थी कि मिडिल क्लास के बाद प्राइमरी कक्षाओं को खोलने की इजाजत मिलेगी. यानी वे ये उम्मीद कर रहे थे कि सिलसिलेवार तरीके से स्कलू खोले जाएंगे.
दिल्ली में नौवीं से लेकर 12वीं तक के स्कूलों को 1 सितंबर से खोल दिया गया है, लेकिन छात्रों की शारीरिक उपस्थिति अलग-अलग दर्ज की जा रही है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, कुछ सरकारी स्कूलों में 80 फीसद से लेकर निजी स्कूलों में 50 फीसद से भी कम उपस्थिति है. पुष्पांजलि इंक्लेव डीएवी पब्लिक स्कूल में कक्षा नौवीं से 12वीं तक के लिए छात्रों की शारीरिक मौजूदगी करीब 60-70 फीसद है. प्रिसिंपल रश्मि बिस्वाल का कहना है कि छोटे बच्चों की स्कूल वापसी स्वागत है लेकिन उनको पहले कुछ चुनौतियों से गुजरना होगा.
उन्होंने कहा, "हम कक्षा 5 से आठ तक के लिए तैयारी कर रहे हैं, लेकिन प्राइमरी कक्षा को फिर से खोलने का एलान हैरान करने वाला है. मैं छोटे बच्चों से निबटने को लेकर थोड़ा चिंतित हूं. बहुत सारे स्कूलों को स्टाफ की दोबारा नियुक्ति करनी होगी." उन्होंने स्कूल को दीवाली की छुट्टियों के बाद नवंबर के दूसरे सप्ताह में फिर से खोलने की बात कही. कुछ इसी तरह का बयान बाल भारती पब्लिक स्कूल पितमपुरा की तरफ से भी आया. प्रिसिंपल मीनू गोस्वामी ने भी दीवाली के बाद स्कूल को खोलने की संभावना जताई. उनका कहना है कि स्कूल की बसों को दोबारा शुरू करना आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं है.
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