'आयुष्मान योजना केंद्र का सबसे बड़ा घोटाला', प्रियंका कक्कड़ का PM पर बड़ा आरोप
Ayushman Bharat: प्रियंका कक्कड़ के अनुसार आयुष्मान भारत इतनी बढ़िया स्कीम है तो हरियाणा और यूपी से लोग दिल्ली क्यों आते हैं इलाज कराने? हमारे लिए स्वास्थ्य सबसे जरूरी मुद्दा है.
Priyanka Kakkar On Ayushman Bharat: आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि 29 अक्टूबर 2024 को पीएम ने एक बार फिर से झूठ बोला. प्रियंका कक्कड़ के मुताबिक AAP का हेल्थ मॉडल ऐसा है, जिसकी तारीफ कोफी अन्नान तक ने की थी.
उन्होंने केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा, 'आयुष्मान भारत ऐसी योजना है, जिससे जुड़ा स्कैम CAG भी सामने ला चुका है.'
दिल्ली में @Arvindkejriwal जी ने ऐसा Health Model खड़ा किया है जिसकी तारीफ कोफ़ी अन्नान साहब को भी करनी पड़ी।
— AAP (@AamAadmiParty) October 30, 2024
वहीं मोदी जी ने 'आयुष्मान भारत योजना' के नाम पर देश के आगे ऐसा Scam पेश किया है जिसकी जाँच CAG को करनी पड़ी।
जिसमें पता चला कि कैसे मृतक और नकली मरीजों के नाम पर भाजपाई… pic.twitter.com/Wiz35KcxhQ
HMA ने लगाए थे पेमेंट न होने का आरोप
आप (AAP) की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ के मुताबिक आयुष्मान भारत के इम्पैनल्ड अस्पतालों में से कई सिर्फ कागजों में हैं. हरियाणा के मेडिकल एसोसिएशन (HMA) ने पत्र लिख कर कहा था कि आयुष्मान भारत के तहत अब मरीजों का इलाज नहीं होगा, क्योंकि बकाया पेमेंट अभी तक नहीं हुआ है. मोदी सरकार ने ही इसकी बजट में कटौती कर दी है.
'स्वास्थ्य हमारे लिए जरूरी मुद्दा'
प्रियंका कक्कड़ के अनुसार आयुष्मान भारत इतनी बढ़िया स्कीम है तो हरियाणा यूपी से लोग दिल्ली क्यों आते हैं इलाज कराने. हालांकि, हम उनका स्वागत करते हैं, क्योंकि स्वास्थ्य हमारे लिए सबसे जरूरी मुद्दा है.
बता दें कि आयुष्मान भारत के तहत आप तभी एलिजिबल होंगे, जब आपकी आय हर महीने दस हजार रुपये से कम है, लेकिन दिल्ली में ऐसी कोई बाध्यता नहीं है. आयुष्मान भारत में पूरे परिवार के लिए पांच लाख का इंश्योरेंस मिलता है, लेकिन दिल्ली में कितना भी महंगा इलाज दिल्ली सरकार फ्री में कराती है.
मोहल्ला क्लीनिक में 7.5 लाख मरीजों ने कराया इलाज
प्रियंका कक्कड़ के मुताबिक आयुष्मान भारत योजना के तहत देशभर में 26 हजार अस्पताल इम्पैनल्ड हैं. इनमें से सात हजार अस्पताल सिर्फ पेपर पर हैं. चार हजार अस्पताल ऐसे हैं, जिन्होंने अभी तक किसी को अस्पताल में एडमिट ही नहीं किया. जबकि पिछले आठ सालों में 7.5 करोड़ लोग मोहल्ला क्लीनिक ओपीडी में इलाज करा चुके हैं.