Delhi Election News Today: हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली चुनावी शिकस्त का असर अब दिल्ली में दिखाई देने लगी है. आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस की रणनीति पर अमल करते हुए दिल्ली में अकेले चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं, तो प्रदेश कांग्रेस ने भी इसका जवाब देते हुए साफ कर दिया है कि कांग्रेस भी अकेले चुनाव लड़ने में सक्षम है. अगर ऐसा हुआ तो दिल्ली में कांग्रेस की राह मुश्किल हो सकती है. ऐसा इसलिए कि दिल्ली में कांग्रेस के हालात हरियाणा से भी बुरे हैं.
फिर, हरियाणा में जिस तरह से कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी से गठबंधन नहीं किया, उसी तर्ज पर अब दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर आप ने गठबंधन न करने के संकेत दिए हैं. आप सांसद संजय सिंह, राघव चड्ढा और राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ इसको लेकर बयान दे चुकी हैं.
आप सांसद राघव चड्ढा का तर्क है कि देश में दो कैटेगरी के चुनाव होते हैं. पहली कैटेगरीमें रीजनल पार्टियां हैं, वो बीजेपी को हराने में सक्षम हैं और हराती भी आई हैं. जैसे तमिलनाडु में डीएमके, पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस या दिल्ली में आप. इस कैटेगरी के चुनावों में कांग्रेस या अन्य दलों की सहायता की आवश्यकता नहीं पड़ती है.
दूसरी कैटेगरी उन राज्यों की है, जहां पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी फाइट होती है और कांग्रेस कहीं ना कहीं बीजेपी को हराने में सक्षम नहीं हो पाती है. वहां पर गठबंधन बनाने की जरूरत है.
ऐसे में क्या दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन कर पाएगी? अगर दिल्ली में संपन्न विगत तीन विधानसभा चुनाव और तीन लोकसभा चुनाव की बात करें तो यही कहा जा सकता है कि कांग्रेस नेताओं के दावों के बावजूद वैसा हो पाना मुश्किल है.
क्या कहते हैं आंकड़े?
- दरअसल, पिछले 11 साल में तीन बार दिल्ली में विधानसभा हुए. दिल्ली विधानसभा चुनाव 2013 में आप के खाते में 28, बीजेपी के खाते में 32, एक-एक सीटों पर जेडीयू और अकाली दल तो एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी.
- साल 2015 में संपन्न दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 70 में से एक भी एक भी विधानसभा सीट पर चुनाव नहीं जीत पाई थी. आम आदमी पार्टी के खाते में 67 सीटें तो बीजेपी के तीन प्रत्याशी जीत दर्ज करने में कामयाब हुए थे.
- दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में आम आदमी पार्टी पार्टी ने 62 पर तो बीजेपी के प्रत्याशी आठ सीटों पर चुनाव जीते थे. इस बार भी कांग्रेस के प्रत्याशी खाता तक नहीं खोल पाए.
- साल 2014, 2019 और 2024 लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सीटों बीजेपी प्रत्याशियों की जीत हुई. आप और कांग्रेस के एक भी प्रत्याशी जीत दर्ज कराने में लगातार तीन बार असफल रहे.
- एमसीडी चुनाव में 2022 में 250 वार्ड के चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी सिर्फ नौ वार्डों में जीत दर्ज कराने में कामयाब हुए. 134 पर आप तो 104 पर बीजेपी प्रत्याशियों ने जीत दज की थी. वोट प्रतिशत की बात करें तो कांग्रेस दिल्ली में आप और बीजेपी के बाद तीसरे नंबर की पार्टी है.