इस साल आलू, टमाटर और हरी मिर्च का उत्पादन कम रहने का अनुमान, जानें- क्या कहते हैं आंकड़े?
Delhi News: राजधानी दिल्ली में इस साल आम आदमी की रसोई में महंगाई का तड़का लगने वाला है. एक आंकड़े के अनुसार पिछले साल के मुकाबले इस साल मसालों और सब्जियों का उत्पादन कम है.
Delhi Vegetable and Spices Production: गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, कई महत्वपूर्ण मसालों (Spices), आलू (Potato), टमाटर (Tomato) और लाल (Red Chilli) और हरी मिर्च (Green Chilli) दोनों का उत्पादन 2020-21 की तुलना में 2021-22 में कम रहने का अनुमान है. बागवानी फसल और क्षेत्र के आंकड़ों के दूसरे अग्रिम अनुमान से पता चलता है कि फलों, सब्जियों और शहद के उत्पादन में सामान्य वृद्धि की उम्मीद है, जबकि मसाले, फूल, सुगंधित और औषधीय पौधों और रोपण फसलों के उत्पादन में पिछले वर्ष की तुलना में कमी होगी.
हालांकि, कृषि और किसान कल्याण विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 में कुल बागवानी उत्पादन 341.63 मिलियन टन (एमटी) होने का अनुमान है, जो 2020-21 के उत्पादन में लगभग 7.03 मीट्रिक टन या 2.10 प्रतिशत की वृद्धि है. डेटा के मुताबिक, 2020-21 में 26.64 मीट्रिक टन के मुकाबले प्याज का उत्पादन 31.70 मीट्रिक टन होने का अनुमान है. 2020-21 में 56.17 मीट्रिक टन की तुलना में आलू का उत्पादन 53.58 मीट्रिक टन होने की उम्मीद है, जबकि 2020-21 में 21.18 मीट्रिक टन की तुलना में टमाटर का उत्पादन 20.34 मीट्रिक टन होने की उम्मीद है.
हरी मिर्ची का उत्पादन भी है कम
हरी मिर्च के लिए, यह पिछले साल 4.3 मीट्रिक टन की तुलना में इस वर्ष 4.2 मीट्रिक टन होने की उम्मीद है, जबकि लाल मिर्च (सूखे) का उत्पादन पिछले वर्ष 1.8 मीट्रिक टन के मुकाबले 2 मीट्रिक टन होने की उम्मीद है. यह पूछे जाने पर कि क्या इन अनुमानों का बाजार कीमतों पर असर पड़ेगा, आलू और प्याज व्यापारी संघ के प्रमुख राजेंद्र शर्मा ने कहा, "ये मार्च 2022 तक के आंकड़े हैं जो सरकार अभी जारी कर रही है. लोगों ने मार्च तक उपज का उपभोग कर लिया है. बाजार में अब हमारे पास जो कुछ भी है वह अप्रैल, मई और जून का है, इसलिए इससे कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए."
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मौजूदा उपज बाजार में अक्टूबर तक रहेगी
दिल्ली के फेडरेशन ऑफ फ्रूट एंड वेजिटेबल ट्रेड एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष शर्मा ने ये भी कहा कि बाजार में मौजूदा उपज अक्टूबर तक उपयोग में रहेगी. क्योंकि बारिश के महीने इनमें से किसी से भी ज्यादा कुछ नहीं लाते हैं. कुल मिलाकर, फलों का उत्पादन 2020-21 में 102.48 मीट्रिक टन की तुलना में 107.10 मीट्रिक टन होने का अनुमान है, जबकि सब्जियों का उत्पादन 2020-21 में 200.45 मीट्रिक टन की तुलना में 204.61 मीट्रिक टन होने का अनुमान है.
मसालों में अजवाइन, इलायची, दालचीनी, धनिया, जीरा, जायफल और काली मिर्च का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में कम रहने का अनुमान है. कृषि विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि सभी प्रमुख वृक्षारोपण फसलों - सुपारी, काजू और नारियल का उत्पादन भी पिछले वर्ष की तुलना में कम होने का अनुमान है.
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