Delhi News: राष्ट्रीय राजधानी (Delhi) में बेमेल सर्किल रेट (Circle Rate) के कारण कई संपत्ति मालिकों को अपनी संपत्ति बेचने में मुश्किल हो रही है. ऐसा इसलिए है क्योंकि उनकी संपत्ति ऐसी कॉलोनियों में हैं, जहां सर्किल दर वास्तविक बाजार कीमतों से बहुत अधिक है. दूसरी ओर कई कॉलोनियां ऐसी हैं, जहां सर्किल दरें मौजूदा बाजार दरों से काफी नीचे हैं. ऐसे में अधिकारी भी कर राजस्व के संभावित नुकसान को लेकर चिंतित हैं.


क्या होता है सर्किल रेट
विशेषज्ञों का मानना ​​है कि दोनों मामलों में सर्किल दरों को युक्तिसंगत बनाकर या मौजूदा रुझानों के अनुसार कॉलोनियों के पुनर्वर्गीकरण करके किया जा सकता है. सर्किल दरें, संपत्ति का मानक मूल्य हैं, जिसके नीचे कोई भी अपनी संपत्ति के सौदों का पंजीकरण नहीं कर सकता है.


कई प्रॉपर्टी का मूल्य 7 लाख तो कईं मात्र 3 लाख रुपए
भारत सोथबी इंटरनेशनल रियल्टी द्वारा जमा आंकड़ों के अनुसार 'श्रेणी ए' के तहत आने वाली कई कॉलोनियों में बाजार दर 7.74 लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर की सर्कल दर से काफी कम है. उदाहरण के लिए पंचशील पार्क में बाजार दर 3.3 लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर, महारानी बाग में 4.6 लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में 3.5 लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर है.


प्रॉपर्टी खरीद-बिक्री में लोगों को हो रही परेशानी
इसके विपरीत 'श्रेणी बी' में कई कॉलोनियां हैं, जहां बाजार दर 2.46 लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर के सर्किल रेट से काफी अधिक है. उदाहरण के लिए डिफेंस कॉलोनी में बाजार दर 6.7 लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर और ग्रेटर कैलाश-I में 5.2 लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर है. इन विसंगतियों के कारण कई खरीदारों और विक्रेताओं को लेनदेन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.


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