Delhi PUC Center: राजधानी दिल्ली में कैसे खोले PUC सेंटर, कम लागत में हर रोज कमा सकते हैं 2000 रुपये
Delhi News: पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट बीएस-4 और बीएस-6 गाड़ियों के लिए एक साल और अन्य गाड़ियों के लिए तीन महीने तक मान्य होता है. यह सर्टिफिकेट 60 से 100 रुपये तक में बनाया जाता है.
अगर आप बेरोजगार है और अरपना कोई काम शुरू करना चाह रहे हैं तो यह आपके लिए बेहतर काम हो सकता है. दरअसल हम बात कर रहे हैं प्रदूषण जांच केंद्र (Polution Testing Center) की. यह आपकी कमाई का जरिया बन सकता है. मोटर विकल एक्ट (Motor Vehicle Act) में हर गाड़ी के लिए प्रदूषण जांच केंद्र के प्रमाण पत्र को अनिवार्य बनाया गया है. यह सर्टिफिकेट 60 से 100 रुपये तक में बनाया जाता है.
क्यों जरूरी PUC सर्टिफिकेट
देश में उस हर गाड़ी के लिए पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट (PUCC) जरूरी है, जिसका रजिस्ट्रेशन आरटीओ में कराना होता है. ये गाड़ियां चाहें डीजल-पेट्रोल से चलती हों या सीएनजी, पीएनजी या एलपीजी से. यह सर्टिफिकेट न पाए जाने पर अधिकारी गाड़ियों पर 10 हजार रुपये तक का जुर्माना लगा सकता है.पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट बीएस-4 और बीएस-6 गाड़ियों के लिए एक साल और अन्य गाड़ियों के लिए तीन महीने तक मान्य होता है.
इस पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट को बनाने का काम करते हैं प्रदूषण जांच केंद्र. यह केंद्र शुरू करने के लिए बहुत अधिक निवेश की जरूरत नहीं होती है. आप 10 हजार रुपये के निवेश से इसे शुरू कर सकते हैं. इसका लाइसेंस अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग फीस जमा करने पर मिलता है, जैसे दिल्ली में आवेदन करने पक सिक्योरिटी मनी के रूप में पांच हजार और लाइसेंस फीस के रूप में पांच हजार रुपये जमा कराने होते हैं.
प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के नियम और शर्तें
प्रदूषण जांच केंद्र खोलने की कुछ शर्तें हैं, जैसे कि इसका केबिन पीले रंग का होगा. केबिन का आकार-प्रकार भी तय है. आमतौर पर पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट गाड़ी के प्रकार और फ्यूल के आधार पर बनाए जाते हैं. यह केंद्र आम तौर पर पेट्रोल पंप के आसपास ही खोला जाता है. किसी केंद्र से जितने वाहनों को पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट जारी किया गया है, उनका रिकॉर्ड एक साल तक रखना होता है. इसके अलावा किसी केंद्र की ओर से जारी सर्टिफिकेट पर सरकार की ओर से जारी स्टीकर लगाना अनिवार्य होता है.
प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए लाइसेंस क्षेत्रिय परिवहन अधिकारी (RTO) जारी करता है. आवेदक को अपने आवेदन के साथ 10 रुपये के स्टांप पर एक एफिडेविट भी देना होता है. इसके अलावा कुछ स्थानीय कार्यालयों से एनओसी भी लेना होता है.इस जांच केंद्र को शुरू किए जाने के लिए लाइसेंस के अलावा एक कंप्यूटर,यूएसबी वेब कैमरा, कंप्यूटर प्रिंटर, इंटरनेट का कनेक्शन और बिजली का कनेक्शन और स्मोक एनलाइजर का होना जरूरी होता है.
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