पुजारी-ग्रंथी योजना का अखिल भारतीय मंदिर परिषद ने किया स्वागत, BJP नेता पर साधा निशाना
Pujari Granthi Samman Yojana: अखिल भारतीय मंदिर परिषद ने पुजारी ग्रंथी योजना का स्वागत करने के साथ ही मंदिरों के सेवादारों को भी 18 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन दिए जाने की मांग की है.
Delhi Assembly Election 2025: राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनावों की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. इससे पहले सत्ताधारी आम आदमी पार्टी कई घोषणाएं कर रही है. इसी कड़ी में आम आदमी पार्टी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरकार बनने पर दिल्ली के मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारे के ग्रंथियों को 18 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन देने की घोषणा कर बड़ा दांव चल दिया है. इस योजना का अखिल भारतीय मंदिर परिषद ने इस योजना का स्वागत किया है.
अखिल भारतीय मंदिर परिषद ने पुजारी ग्रंथी योजना का स्वागत करने के साथ ही मंदिरों के सेवादारों को भी 18 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन दिए जाने की मांग की है. साथ ही यह भी मांग की है कि, इन सभी के जो बच्चे हैं उनके लिए विद्यालय में पढ़ने की लिए सीट आरक्षित किया जाए, कॉलेज में पढ़ने की सीट आरक्षित की जाए.
बीजेपी नेता प्रवेश वर्मा के बयान पर किया पलटवार
इस दौरान अखिल भारतीय मंदिर परिषद के राष्ट्रीय महासचिव महंत रोहित शर्मा बीजेपी नेता प्रवेश वर्मा के उस बयान की भी आलोचना की है, जिसमें उन्होंने शराब घोटाले का पैसा बताते हुए पुजारी और ग्रंथियों से उस पैसे को हाथ न लगाने की अपील की है. रोहित शर्मा ने कहा, "क्या उस कथित शराब घोटाले का पैसा ईडी और सीबीआई बरामद कर पाई? क्या वह पैसे दिल्ली सरकार के कोष में हैं? दिल्ली सरकार के कोष में जो पैसे हैं वह दिल्ली के कर-दाताओं के हैं. तो क्या बीजेपी नेता दिल्ली के कर-दाताओं के पैसों को शराब घोटाले का पैसा मानते हैं. अगर ऐसा है तो यह काफी शर्मनाक है."
'पुजारी-ग्रंथियों के हित मे इस घोषणा का न करें विरोध'
महंत रोहित शर्मा ने आगे कहा, "हिन्दू और सनातन की बात करने वाली बीजेपी को चाहिए था कि वे भी केजरीवाल की तरह पुजारी-ग्रंथियों समेत सेवादारों को भी प्रतिमाह वेतन देने की घोषणा करते और उनसे भी ज्यादा. लेकिन उन्होंने ऐसा न कर दिल्ली सरकार द्वारा कर-दाताओं के पैसे से दिए जाने वाले पैसों को ही शराब घोटाले का पैसा बता दिया. बीजेपी-कांग्रेस भले ही केजरीवाल पर केंद्रित अपनी राजनीति करें, उनकी नीयत पर सवाल उठाएं, लेकिन पुजारी-ग्रंथियों के हित मे इस घोषणा का विरोध न करें."
'कांग्रेस भी करे घोषणा'
अखिल भारतीय मंदिर परिषद के रास्ट्रीय महासचिव महंत रोहित शर्मा ने आगे कहा, "वे चाहेंगे कि बीजेपी के साथ कांग्रेस भी पुजारी-ग्रंथियों एवं सेवादारों को वेतन देने की घोषणा करें. बहुत सालों और कई आंदोलनों के बाद किसी राजनीतिक दल ने पुजारी और ग्रंथियों के हित में कोई घोषणा की है, इसलिए वे दिल्ली के सभी राजनीतिक दलों से निवेदन करते हैं कि वे इसका विरोध न करें."
योजना का समर्थन, लेकिन केजरीवाल को लेकर असमंजस?
उन्होंने ये भी अपील की है, "लोग अपने विवेक पर किसी भी राजनीतिक दल और उनके उम्मीदवार को वोट करें. उनका कहना है कि, केजरीवाल की यह पहल सराहनीय है लेकिन यह सरकार सनातनी और सिख विरोधी रही है. केजरीवाल ने जो वेतन देने की घोषणा की है वह दिल्ली सरकार के कोष से आएगा, जो सरकार में बैठी पार्टी देगी और पुजारी-ग्रंथियों एवं सेवादारों को यह लाभ मिलना भी चाहिए. लेकिन साथ ही यह भी सोचना और समझना पड़ेगा कि, क्या केजरीवाल जैसा छद्म आवरण वाला नेता भविष्य में सनातनियों और सिखों की हितों की रक्षा और उनकी सुरक्षा कर पाएगा."
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