Sidhu Moose Wala Murder Case: पंजाब में विपक्ष ने सोमवार को राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में ‘भयावह’ हालात हैं. पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या मामले में पंजाब युवा कांग्रेस ने भी सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यालय का घेराव करने की कोशिश पर कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया. पंजाब सरकार की तरफ से सुरक्षा घेरे में कटौती किए जाने के एक दिन बाद मानसा जिले में रविवार को प्रदेश के मशहूर गायक और कांग्रेस नेता मूसेवाला की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
मूसेवाला की दिन दहाड़े हत्या से लामबंद हुआ विपक्ष
इस बीच, कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कहा कि मूसेवाला की दिन दहाड़े हत्या के बाद पूरे राज्य में ‘भयावह’ माहौल है. उन्होंने एक बयान में कहा, “कोई भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है क्योंकि इस सरकार ने लोगों को अपराधियों और गैंगस्टरों की दया पर छोड़ दिया है, जो अपनी मर्जी से लोगों की हत्या कर रहे हैं.” उन्होंने कहा कि यह सरकार, विशेष रूप से पुलिस की “पूर्ण विफलता” है, क्योंकि उनके पास एक प्रमुख व्यक्ति की हत्या के बारे में कोई सुराग नहीं है.
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'आप' की सरकार को बर्खास्त करने की उठी मांग
मानसा में मारे गए गायक के परिजनों से मुलाकात के बाद वडिंग ने कहा कि जिस तरह से अलग-अलग तरफ से कई लोगों ने गोलीबारी कर हत्या को अंजाम दिया है, इसकी पहले से योजना बनाई गई होगी. उन्होंने पूछा, “पंजाब पुलिस क्या कर रही थी.” प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने आम आदमी पार्टी की सरकार को बर्खास्त करने की मांग दोहराते हुए कहा कि भगवंत मान सरकार पूरी तरह विफल साबित हुई है. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने भी भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधा और कहा, “यह आप सरकार के खुफिया और सुरक्षा नेटवर्क का पूरी तरह से पतन है जो सार्वजनिक हस्तियों से जुड़ी दो दर्जन से अधिक हत्या की घटनाओं में परिलक्षित हुआ है.”
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने आम आदमी पार्टी (आप) नीत राज्य सरकार को बर्खास्त करने और मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंपने की मांग की. शिअद प्रमुख ने कई लोगों की सुरक्षा वापस लेने के आदेश में कथित चूक की उच्च न्यायालय के एक मौजूदा न्यायाधीश से जांच कराने और मुख्यमंत्री भगवंत मान के खिलाफ गोपनीय सूचना सार्वजनिक करने के लिए मामला दर्ज करने की भी मांग की.