Delhi News: दिल्ली में जनवरी तक पूरा होगा पंजाबी बाग-मोती नगर फ्लाईओवर का काम, हर दिन गुजरेंगी सवा लाख गाड़ी
Delhi Moti Nagar-Punjabi Bagh Flyover: दिल्ली की पीडब्लूडी मंत्री आतिशी गुरुवार को पंजाबी बाग और मोती नगर पहुंची, जहां उन्होंने फ्लाईओवर निर्माण में देरी को लेकर अधिकारियों को फटकार लगाई.
Delhi News: दिल्ली में यातायात को सुगम और बेहतर बनाने के प्रयास में दिल्ली सरकार (Delhi Govrnment), जहां वर्तमान फ्लाईओवर के मेंटेनेंस के काम के साथ उनके विस्तारीकरण का काम कर रही है, तो वहीं कई फ्लाईओवर के दोहरेकरण के साथ नए फ्लाईओवर भी बनवा रही है, जिससे किसी खास सड़क पर ज्यादा ट्रैफिक न हो और लोगों को बेहतर आवागमन के साथ अपने गंतव्य तक पहुंचने के कई विकल्प मिल सके. इसी कड़ी में रिंग रोड (Ring Road) को जाम मुक्त बनाने के लिए मोती नगर (Moti Nagar) और पंजाबी बाग (Punjabi Bagh) में फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है.
इस परियोजना के अक्टूबर में पूरा कर लिए जाने की संभावना जाहिर की जा रही थी, लेकिन इसमें विलंब होने के कारण अब इसके जनवरी तक पूरा होने की उम्मीद है. इसका निरीक्षण करने पीडब्लूडी मंत्री आतिशी गुरुवार को पंजाबी बाग और मोती नगर पहुंची, जहां उन्होंने परियोजना में देरी को लेकर अधिकारियों को फटकार भी लगाई और उन्हें जनवरी तक बचे हुए कामों को खत्म कर लेने के निर्देश दिए.
पीडब्लूडी मंत्री ने अधिकारियों को दी चेतावनी
आतिशी ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि इस बार वे अगर दिए गए समय पर काम को पूरा नहीं कर पाए तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है. उन्होंने कामगारों और मशीनों की संख्या को दुगुनी कर दिन-रात काम करने के निर्देश दिए, जिससे जनवरी तक दोनों फ्लाईओवर का निर्माण कार्य पूरा हो सके.
मोती नगर फ्लाईओवर का ज्यादातर काम पूरा
वहीं अधिकारियों ने बताया कि मोती नगर फ्लाईओवर का ज्यादातर काम पूरा हो चुका है और यहां केवल एक हिस्से में भारत दर्शन पार्क के नजदीक मौजूद चौराहे के ऊपर 50 मीटर का स्टील गर्डर इंस्टॉल करना है. इसमें चौराहे पर भारी ट्रैफिक होने की वजह से देरी हो रही है. जबकि, पंजाबी बाग फ्लाईओवर का अधिकतर काम पूरा हो चुका है और यहां गर्डर इंस्टॉल किए जा रहे हैं. बिजली की एक लाइन के शिफ्टिंग के कारण काम की गति धीमी हुई है.
निर्माणाधीन कॉरिडोर रिंग रोड का हिस्सा
बता दें कि, पंजाबी बाग फ्लाईओवर और राजा गार्डन फ्लाईओवर के बीच का यह कॉरिडोर रिंग रोड का हिस्सा है और यहां ट्रैफिक का लोड काफी ज्यादा है. क्योंकि यहां रोहतक रोड का उपयोग करके हरियाणा का ट्रैफिक आता है. साथ ही यह उत्तरी दिल्ली को दक्षिणी दिल्ली, गुरुग्राम और एनसीआर के अन्य हिस्से को भी जोड़ता है. मौजूदा वन-वे फ्लाईओवर और कम क्षमता वाला चौराहा वर्तमान के ट्रैफिक लोड के लिए उपयुक्त नहीं है, यही वजह है कि यहां पर अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है.
हर दिन गुजरेंगे सवा लाख वाहन
इस कॉरिडोर के निर्माण से मौजूदा रोड का ट्रैफिक एलिवेटेड रोड पर शिफ्ट हो जाएगा और इससे रोजाना दिल्ली-एनसीआर के लाखों लोगों को फायदा मिलेगा. दोनों फ्लाईओवर से हर दिन औसतन सवा लाख वाहन गुजरेंगे. जाम मुक्त होने से हर साल लगभग 18 लाख लीटर ईंधन की बचत होगी और 1.60 लाख कम कार्बन गैस उत्सर्जन होगा. इससे न केवल हर साल लोगों के 27 हजार घंटों की बचत होगी बल्कि हर साल लोगों के 200 करोड़ रुपये भी बचेंगे.