Delhi News: राजधानी दिल्ली में मॉनसून की बारिश के बाद जलभराव की समस्या आम हो चुकी है. हर साल बारिश के बाद कई इलाकों में जलभराव देखने को मिलता है, लेकिन इस बार दिल्ली सरकार मॉनसून से पूर्व ही इस समस्या से निपटने के प्रयास में गंभीर कदमों उठा रही है. जिससे हर वर्ष बारिश के मौसम में उत्पन्न होने वाली जलभराव की समस्या को कम से कम किया जा सके.
इसके लिए युद्धस्तर पर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. इस दिशा में विभागों की तैयारियों की जांच के लिए पीडब्ल्यूडी मंत्री, शहरी विकास मंत्री व डिप्टी मेयर की अध्यक्षता में संयुक्त समीक्षा बैठक की गई. बैठक में पीडब्ल्यूडी, बाढ़ एवं सिचाई नियंत्रण विभाग, दिल्ली जर बोर्ड एमसीडी, एनडीएमसी, डीडीए और दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड के अधिकारी शामिल हुए. सभी एजेंसियों को जलजमाव की समस्या दूर करने के लिए साथ मिलकर काम करने के निर्देश दिए गए हैं.
24 घंटे सीसीटीवी से होगी निगरानी
पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी अधिकारी मॉनसून से पूर्व होने वाली बारिश के तुरंत बाद की स्थिति का आकलन कर जलभराव वाले इलाकों को चिन्हित करें. मॉनसून की तैयारियों को लेकर पीडब्ल्यूडी नॉडल एजेंसी के रूप में काम करेगा और विभाग का सेंट्रल कंट्रोल रूम गंभीर जलजमाव वाले स्थानों की 24 घंटे सीसीटीवी के माध्यम से निगरानी करेगा.
जलभराव रोकने को लगाए जाएंगे 700 से ज्यादा पंप
इस दौरान अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली भर में जलजमाव के 165 प्वाइंट चिन्हित किए गए हैं. साथ ही, 5 गंभीर जलजमाव वाले क्षेत्र भी चिन्हित किए गए हैं. इन जगहों पर जलजमाव की समस्या को रोकने के लिए पीडब्ल्यूडी को समय सीमा के भीतर काम पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं. सड़कों पर जलभराव रोकने के लिए दिल्ली भर में 700 से ज्यादा स्थायी पम्प काम करेंगे.
ऑटोमेटिक पंप हाउस से जारी होगा अलर्ट
इसमें 11 पंप हाउस ऐसे हैं जो पूरी तरह से ऑटोमेटिक हैं. ऑटोमेटिक पंप हाउस में सेंसर के माध्यम से पानी के बढ़ते स्तर पर अलर्ट जारी होंगे. इसके अलावा भी अगर मॉनसून के दौरान कहीं अतिरिक्त पंप की जरूरत होगी, तो मोबाइल मोटर पंप की व्यवस्था की जाएगी.
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