Delhi: दिल्ली में बिल्डिंगों की क्वालिटी और ड्यूरेबिलिटी के लिए PWD ने जारी की गाइडलाइंस, इन नियमों का पालन होगा जरूरी
Delhi PWD Guidelines: लोक निर्माण विभाग ने कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स के लिए कुछ गाइडलाइंस जारी की हैं जिनका ध्यान पूरे निर्माण कार्य के दौरान रखा जाना है. इससे परियोजनाओं को क्वालिटी मिलेगी.
PWD Issues Guidelines For Delhi Construction Work: दिल्ली (Delhi) में पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD) ने भवनों या संरचनाओं की अच्छी क्वालिटी और ड्यूरेबिलिटी के लिए कुछ गाइडलाइंस जारी की हैं. लोक निर्माण विभाग का कहना है कि बिल्डिंग निर्माण के समय इन गाइडलाइंस को फॉलो करके ऐसा कंस्ट्रक्शन किया जा सकता है जिसकी क्वालिटी भी अच्छी होगी और जिसमें स्थायित्व भी होगा. इन गाइडलाइंस को पूरे निर्माण कार्य के दौरान फॉलो करना चाहिए. यही नहीं संबंधित अधिकारियों को ये भी निर्देश दिए गए हैं कि निर्माण परियोजनाओं में घटिया सामग्री का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए.
विभाग ने किया सर्कुलर जारी –
विभाग के प्रतिनिधियों के मुताबिक वर्क्स डिपार्टमेंट ने सर्कुलर जारी किया है जिसमें एग्जीक्यूटिव इंजीनियरों, असिस्टेंट इंजीनियरों, जूनियर इंजीनियरों और कॉन्ट्रैक्टर्स से कहा गया है कि वे हर बिल्डिंग का सावधानी से निरिक्षण करें. इसके बाद वे डेवलेपमेंट वर्क का और वहां पायी जाने वाली खामियां दोनों की लिस्ट बनाएं. उनसे कहा गया है कि वे समस्याओं को सिस्टेमेटिक ढ़ंग से समझें और उन्हें दूर करें, ताकि क्वालिटी मिल सके.
क्या लिखा है सर्कुलर में –
इस बाबत जारी सर्कुलर में कहा गया कि ये बहुत जरूरी हो गया था कि संरचनाएं जितने समय के लिए बनाई जाती हैं, वे न केवल उतने समय के लिए चलें बल्कि उनमें भविष्य में पैसा भी कम खर्च हो. यानी उनकी रख-रखाव में कम पैसा लगाना पड़े, ये सुनिश्चित करना जरूरी है.
इन बातों का रखें ध्यान –
स्टैंडर्ड्स के मुताबिक ये जरूरी है कि स्ट्रक्चर का डिजाइन केवल और केवल सॉयल रिपोर्ट पर आधारित हो और फाउंडेशन सॉलिड ग्राउंड पर रखी जाए न कि धूल भरी जमीन पर. ये भी जान लें कि कंस्ट्रक्शन का काम शुरू करने से पहले देख लें कि निर्माण कार्य में जो पानी और जो मिट्टी इस्तेमाल हो रही है उसकी क्वालिटी कैसी है.
वॉटर ड्रेनेज हो ठीक से –
सर्कुलर में आगे कहा गया कि, ‘यह निर्देश दिया जाता है कि सभी टॉयलेट्स और वॉश बेसिन आदि में, पानी की आपूर्ति, सैनिटरी लाइनों का परीक्षण करने के लिए कुछ समय के लिए पानी के नल लगातार खोले जा सकते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई लाइन चोक न हो और अंतिम बिंदु तक पानी की निकासी सुचारू हो.’
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