Delhi Ordinance Bill: लोकसभा में वोटिंग से पहले राघव चड्ढा का बड़ा बयान, बोले- 'जो बिल के खिलाफ हैं वो देशभक्त कहलाएंगे'
दिल्ली अध्यादेश कानून बिल को लेकर राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि, 'लोगों को गुलाम बनाने के लिए और उनका लोकतांत्रिक अधिकार छिनने के लिए बीजेपी ये कानून लेकर आई है.'
Delhi News: आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा (Raghav Chadha) ने लोकसभा में दिल्ली अध्यादेश कानून बिल (Delhi Ordinance Bill) के पेश होने को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि, 'दिल्लीवाले सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) से बहुत प्यार करते हैं. इसलिए ही 10 साल से उन्हें हर बार वोट देते आए हैं. ये राष्ट्र विरोधी बिल है, जो इस बिल के समर्थन करेंगे, देश उन्हें राष्ट्र विरोधी के नाम से याद रखेगा. जो बिल के खिलाफ हैं वो देशभक्त कहलाएंगे.'
विपक्षी दल INDIA को लेकर भी बोले चड्ढा
राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA को लेकर कहा कि सभी सांसद एकजुट है. राज्यसभा में कांटे की टक्कर होने वाली है. हम देश के संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए ये लड़ाई लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि ये मात्र एक छोटे से बिल पर मतदान की बात नहीं है बल्कि ये एक धर्मयुद्ध है, जिसमें धर्म हमारे साथ है. और अच्छाई हमारे साथ है, सत्य हमारे साथ है अधर्म बुराई और असत्य बीजेपी के खेमें में है. और जब धर्म आपके साथ हो तो इस ब्रह्मांड की तमाम शक्तियां जिताने में लग जाती है. वहीं राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली के लोगों को गुलाम बनाने के लिए उनका लोकतांत्रिक अधिकार छिनने के लिए बीजेपी ये कानून लेकर आई है.
दिल्लीवाले @ArvindKejriwal जी से बहुत प्यार करते हैं
— AAP (@AamAadmiParty) August 2, 2023 [/tw]
इसलिए ही 10 साल से उन्हें हर बार Vote देते आये हैं।
ये राष्ट्र विरोधी बिल है
जो इस बिल के समर्थन करेंगे, देश उन्हें राष्ट्र विरोधी के नाम से याद रखेगा
जो बिल के ख़िलाफ़ हैं वो देशभक्त कहलायेंगे
INDIA के सांसद एकजुट हैं,… pic.twitter.com/u0OPETpWgJ
संजय सिंह ने भी बीजेपी सरकार को घेरा
वहीं आम आदमी पार्टी के कद्दावर नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने लोकसभा में दिल्ली अध्यादेश कानून बिल को पेश करने को लेकर कहा कि देश के संविधान और लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है. राज्यसभा में यह बिल गिर जाएगा. संजय सिंह ने दावा किया है कि राज्यसभा में विधेयक के विरोध में मतदान करने वाले दलों के पास पर्याप्त संख्या बल है. उन्होंने दिल्ली अध्यादेश को विधेयक सुप्रीम कोर्ट के फैसले, संविधान और देश के संघीय ढांचे के खिलाफ बताया है.
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