Delhi News: आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पिछले कुछ दिनों से दिल्ली सेवा विधेयक को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने से संबंधित उनके विवादित प्रस्ताव को लेकर बीजेपी उनके खिलाफ हमलावर है. उन पर फेक सिगनेचर को लेकर मामला दर्ज होने तक का खतरा मंडरा रहा है. दूसरी तरफ आज पटियाला हाउस कोर्ट में सरकारी बंगला आवंटन रद्द होने को लेकर सुनवाई है. 


आज राघव चड्ढा की याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट में आवास आवंटन रद्द करने के मसले पर सुनवाई होगी. दअरसल, राघव चड्ढा का सरकारी बंगला राज्यसभा सचिवालय ने रद्द कर दिया था. इस मसले को लेकर उन्होंने एक रिट पटियाला हाउस कोर्ट में दाखिल की थी. राघव चड्ढा ने पटियाला हाउस कोर्ट में इस मसले पर अपना पक्ष रखते हुए अदालत को 10 जुलाई को बताया था कि उनको आवंटित सरकारी आवास को मनमाने ढंग से रद्द किया गया है. संबंधित अथॉरिटी ने बिना कारण और आधार बताए ही आवास आवंटन रद्द कर दिया. वहीं राज्यसभा सचिवालय ने सीपीसी के ऑर्डर 7 रूल 11 की अर्जी दाखिल कर राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा का सूट रद्द करने की गुहार लगाई. एक माह पूर्व पटियाला हाउस कोर्ट ने इस मसले पर सुनवाई करते हुए कहा था कि कोर्ट में दाखिल सभी अर्जियों में मुद्दे एक समान हैं. 


कोर्ट ने कहा था- हम कुछ नहीं कर सकते


राज्यसभा सचिवालय के वकील ने अदालत से कहा था कि राघव चड्डा इस मामले में मीडिया बयान जारी कर रहे हैं. इसके जवाब में अदालत ने कहा कि इसमें कोर्ट कुछ नहीं कर सकता. राघव चड्ढा के वकील ने राज्यसभा सचिवालय के वकील की इस दलील का विरोध किया था. इस पर राज्यसभा सचिवालय के वकील ने कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा था. अदालत ने राज्यसभा सचिवालय को 10 अगस्त को अपना पक्ष रखने का आदेश दिया था. आज उसी मामले में राज्यसभा के वकील अदालत के सामने अपना पक्ष रखेंगे. 
 
क्या है राघव चड्ढा आवास मामला?


बता दें कि आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को बतौर सांसद लुटियन जोन में टाइप 7 बंगला आवंटित किया गया था. नियमों से परे जाकर वीआईपी बंगला आवंटन मामले ने बाद में तूल पकड़ लिया. इसके बाद राज्यसभा सचिवालय ने उनके बंगले को रद्द कर दिया. राज्यसभा सचिवालय के इस आदेश के खिलाफ आप सांसद ने पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर की थी. आज इसी मसले पर राज्यसभा सचिवालय के वकील अदालत के सामने अपना पक्ष रखेंगे. बता दें कि पहली बार सांसद बने जन प्रतिनिधियों के लिए सरकारी आवास का आवंटन टाइप-V दर्जे में होता है, लेकिन राघव चड्ढा को अस्थायी तौर पर टाइप 7 बंगला आवंटित कर दिया गया. टाइप-VII बंगला आमतौर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल या मुख्यमंत्री को द‍िया जाता है. यह मसला विवाद में आने के बाद संबंधित एजेंसी ने अस्थाई तौर पर आवंटित टाइप 7 का बंगला रद्द कर द‍िया गया. 


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