Delhi Ordinance Bill: 'मैंने अपनी बर्थडे पार्टी में...' राघव चड्ढा से समझिए क्या था Select Committee का पूरा मामला?
Raghav Chadha Signature Row: राघव चड्डा ने कहा, रूल बुक में लिखा है किसी भी सेलेक्ट कमेटी के लिए कोई भी सांसद नाम प्रस्तावित कर सकता है. इसके लिए न उसका साइन चाहिए न उसकी लिखित सहमति चाहिए.
Delhi News: आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा (Raghav Chadha) ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. इस दौरान राघव ने सरल शब्दों में सेलेक्ट कमेटी का पूरा मामला समझाते हुए कहा कि, रूल बुक के अनुसार सेलेक्ट कमेटी में किसी का नाम देने के लिए हस्ताक्षर और कंसेंट की जरूरत ही नहीं है.
राघव चड्ढा ने समझाते हुए कहा, मान लीजिए मेरा जन्मदिन है, 'मैं अपने जन्मदिन की पार्टी आयोजित करता हूं. इस पार्टी में मैं 10 लोगों को इनवाइट करता हूं और 10 में से 8 लोग मेरा इनविटेशन स्वीकार कर लेते हैं, लेकिन दो लोग मेरा इनविटेशन नहीं स्वीकार करते हैं उल्टा मुझसे कहते हैं कि, तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे इनविटेशन देने की. ये वहीं बात है मैंने तो समिति में शामिल करने का न्योता दिया था. कोई हस्ताक्षर थोड़े दिया, लेकिन वही दो मुझसे नाराज हो गए.'
मैंने अपनी बर्थडे पार्टी में 10 लोगों को बुलाया था, 2 ने न्योता स्वीकार नहीं किया… जानिए क्या था Select Committee का पूरा मामला सरल शब्दों में pic.twitter.com/TeRjhPvFpa
— Raghav Chadha (@raghav_chadha) August 10, 2023
'साइन की बात बेबुनियाद और झूठी'
राघव ने आगे कहा कि, जब किसी सदस्य के खिलाफ विशेषाधिकार समिति कोई कार्रवाई शुरू करती है तो वह शख्स उसपर कोई पब्लिक स्टेटमेंट नहीं देता है, लेकिन मजबूरन मुझे बीजेपी के झूठ का पर्दाफाश करने के लिए आना पड़ा. मैं सिर्फ रूल के बारे में यहां बात करूंगा. रूल बुक में लिखा है कि, किसी भी सेलेक्ट कमेटी के लिए कोई भी सांसद नाम प्रस्तावित कर सकता है. इसके लिए न उसका साइन चाहिए न उसकी लिखित सहमति चाहिए. इस रूल बुक में कहीं नहीं लिखा है कि प्रस्तावित मेंबर का साइन चाहिए. राघव चड्ढा ने कहा कि जब भी नाम प्रस्तावित किए जाते हैं तो न साइन लिए जाते हैं तो बिना सहमति के साइन की बात बेबुनियाद और झूठी है. मैं बीजेपी नेताओं को चुनौती देता हूं कि वो कागज दिखाएं जिस पर किसी पर गलत तरीके से साइन लिया गया हो.
'क्यों ना उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए'
आपको बता दें कि संसद की विशेषाधिकार समिति ने राघव चड्ढा को नोटिस जारी करके पूछा है कि क्यों ना उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए. राघव चड्ढा पर दिल्ली सेवा बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजने के लिए सांसदों के बिना सहमति के साइन करने का आरोप है. आरोप यह है कि राघव की ओर से दिल्ली सेवा बिल सेलेक्ट कमेटी को भेजने वाले प्रस्ताव में सस्मित पात्रा, नरहरि अमीन, थंबीदुरई, सुधांशु त्रिवेदी व नगालैंड के राज्यसभा सांसद फांगनोन कोन्याक का नाम शामिल किया गया. इनमें से कुछ सांसदों ने सोमवार रात सदन की कार्रवाई के दौरान बताया कि उन्होंने इस पर हस्ताक्षर ही नहीं किए हैं. अगर विशेषाधिकार समिति की जांच में राघव चड्ढा 5 सांसदों के नाम गलत तरीके से इस्तेमाल करने के दोषी जाते हैं तो उनकी सांसद सदस्यता रद्द करने की सिफारिश विशेषाधिकार समिति कर सकती है.