Delhi News: आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांसद राघव चड्ढा (Raghav Chadha) ने मणिपुर हिंसा और महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने को लेकर मचे सियासी बवाल के लिए केंद्र और राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने इस मसले पर मानसून सत्र के दूसरे दिन राज्य सभा के सभापति को बहस कराने के लिए नोटिस दिया है. उन्होंने अपने नोटिस के जरिए तत्काल इस मुद्दे पर सार्थक की चर्चा की मांग की है. साथ ही मणिपुर (Manipur incidwent) में ढाई माह से ज्यादा समय से जारी हिंसा को रोक पाने में विफलता के लिए मोदी सरकार पर भी निशाना साधा है.
एक दिन पहले मणिपुर हिंसा (Manipur violence) और महिला को निर्वस्त्र घुमाने के मसले पर राघव चड्ढा ने कहा था कि पिछले ढाई माह से मणिपुर में हिंसक घटनाओं का सिलसिला जारी है. कूकी समुदाय की महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने की घटना ने तो पूरे देश को शर्मसार कर रख दिया है. उन्होंने कहा कि वायरल वीडियो इंसानियत को ताड़ ताड़कर करने वाला और दुखद है. महिला को निर्वस्त्र घुमाने का वायरल वीडियो ने देश की आत्मा को झकझोरने वाला काम किया है. दुख की बात यह है कि केंद्र में बैठी भारतीय जनता पार्टी की सरकार इस बात को स्वीकार करने के लिए भी राजी नहीं है. जबकि मणिपुर जल रहा है. वहां कुछ भी ठीक नहीं है. क्या यही है 21वीं सदी का भारत. क्या यही है न्यू इंडिया. क्या पीएम मोदी इन सवालों का ईमानदारी से जवाब देंगे.
केंद्र की चुप्पी समझ से परे
बता दें कि मणिपुर में हिंसा के 81 से ज्यादा दिनों से हिंसक घटनाओं का सिलसिला जारी है. डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद हिंसक घटनाओं को सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. मैतेई, कूकी, नागा और ईसाई समुदाय के बीच आरक्षण और आरक्षण के मसले पर सियासी बवाल की स्थिति में बवाल की स्थिति है. राघव चड्ढा का कहना है कि यह एक गंभीर मसला है. इसके बावजूद केंद्र सरकार की चुप्पी समझ से परे है.
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