राघव चड्ढा के सरकारी बंगले के आंवटन का मामला, दिल्ली हाई कोर्ट की जस्टिस ने खुद को किया अलग
Delhi News: दिल्ली हाई कोर्ट की जस्टिस रेखा पल्ली ने राघव चड्ढा के सरकारी बंगले के आवंटन मामले से खुद को अलग कर लिया है. अब अगली सुनवाई अन्य जज के सामने होगी.
Delhi News: आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा के सरकारी बंगले के आवंटन से जुड़ी दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका के मामले में हाई कोर्ट की जस्टिस रेखा पल्ली ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है. दिल्ली हाई कोर्ट में अब इस मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को किसी अन्य जज के सामने होगी. जस्टिस रेखा पल्ली ने बताया कि वह राघव चड्ढा की ओर से आयोजित समारोह में शामिल हुई थीं.
राघव चड्ढा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्हें दूसरे आवास में ट्रांसफर करने के आधिकारिक निर्णय को चुनौती दी थी. आज न्यायमूर्ति रेखा पल्ली के सामने ये मामला सूचीबद्ध किया गया, जिसमें उन्होंने कहा कि इस मामले को 18 दिसंबर को किसी अन्य बेंच के सामने रखा जाए.
निचली अदालत से मिला था झटका
बीते 28 नवंबर को निचली अदालत ने राघव चड्ढा की एप्लिकेशन को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने राज्यसभा सचिवालय की ओर से जारी एक आधिकारिक निर्णय जिसमें उन्हें टाइप-VII बंगले से उन्हें बेदखल करने से रोकने की मांग की गई थी.
सरकारी बंगले के आवंटन को दी चुनौती
बता दें कि सितंबर 2022 में चड्ढा को टाइप-VII बंगला आवंटित किया गया था. लेकिन मार्च 2023 में चड्ढा को बताया गया कि उनकी पात्रता से अधिक होने के कारण उनका टाइप-VII बंगले का आवंटन रद्द कर दिया जाता है. जिसके बाद उन्हें एक दूसरा फ्लैट भी आवंटित किया गया था, लेकिन राज्यसभा सांसद ने सरकारी बंगले के आवंटन को रद्द करने को चुनौती देने के लिए डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में एक सिविल मुकदमा दायर कर दिया.
हाई कोर्ट का खटखटाया था दरवाजा
जिसके बाद उन्हें अदालत से अंतरिम राहत भी मिल गई थी. हालांकि, इसके बाद राज्यसभा सचिवालय की ओर से अदालत में कहा गया कि अंतरिम राहत देते समय उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था, जिसके बाद इसे खारिज कर दिया गया था. हालांकि इसके राघव चड्ढा ने हाइ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जब हाई कोर्ट ने चड्ढा को जिला अदालत की ओर से दी गई सुरक्षा को बहाल कर दिया था. हाई कोर्ट ने ये भी कहा था कि जिला अदालत चड्ढा की अंतरिम राहत की अर्जी पर भी सुनवाई करे.
जिसके बाद पिछले महीने अदालत ने सुनवाई करते कहा कि कि राघव चड्ढा को वर्तमान आवास को बरकरार रखने की अनुमति देने का कोई कानूनी औचित्य नहीं है. अदालत ने ये भी कहा था संबंधित विभाग उचित कार्यवाही शुरू करके सांसद से कानून के अनुसार मुआवजा वसूल सकता है, क्योंकि वह संबंधित बंगले में रह रहे हैं और उनके पास एक अन्य फ्लैट भी है.
अदालत ने कहा कि नियमों और दिशा-निर्देशों के अनुसार चड्ढा टाइप-VI आवास के हकदार हैं. अदालत ने कहा कि आवंटन के दिशा-निर्देशों में कोई विचलन नहीं है और न ही सांसद को कोई नुकसान हुआ है.
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