Raghav Chadha Reaction: दिल्ली सहित देशभर में तीन नए आपराधिक कानून सोमवार से लागू होने पर आप सांसद राघव चड्ढा ने बड़ा बयान​ दिया है. उन्होंने कहा है कि पहले तीनों नए कानून का रिव्यू होना चाहिए था. कानून को इतने आनन-फानन में लागू नहीं करना चाहिए. इसके बड़े दूरगामी परिणाम होंगे. 


आप सांसद राघव चड्ढा ने इस मसले पर ये भी कहा कि यह गंभीर मसला है, इसलिए संयुक्त संसदीय समिति गठित कर सरकार को पहले इस पर मंथन कराने की जरूरत थी. उसके बाद इसे लागू किया जाता तो बेहतर होता.






'कानून लागू करने का तरीका गलत'


इससे पहले मंत्री सौरभ भारद्वाज ने ने कहा था कि आज से लागू नए आपराधिक कानूनों में खामियां तो नहीं हैं, लेकिन उसे जिस तरह से लागू किया गया है वो तरीका गलत है. केंद्र सरकार को पहले उन्हीं पहलुओं पर गौर फरमाना चाहिए था, लेकिन मोदी सरकार ने वैसा नहीं किया. 


इसके अलावा, उन्होंने कहा कि खामियां तो तीनों कानूनों के क्रियान्वयन में है. केंद्रीय जांच एजेंसियों में है जो बीजेपी के इशारे पर काम करती हैं. नए आपराधिक कानूनों के कारण आने वाले कई सालों तक लोगों में भ्रम की स्थिति बनी रहेगी. 


बता दें कि आज से भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम देशभर में लागू हो गए हैं. दिसंबर 2023 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस पर अपनी मंजूरी दे दी थी. फरवरी 2024 तीनों आपराधिक कानूनों का गजट नोटिफिकेशन  हुआ था. नए कानूनों को लेकर केंद्र का कहना है कि इससे आने वाले वर्षों में कई अहम बदलाव देखने को मिलेंगे.


Delhi: दिल्ली में तीनों नए आपराधिक कानून लागू, ये IPC-CRPC और एविडेंस एक्ट से कैसे हैं अलग?