Delhi News: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग पर किसका अधिकार को लेकर सियासी बवाल थमने के बजाय और चरम पर पहुंच गया है. एक दिन पहले केंद्र सरकार द्वारा अध्यादेश जारी करने के बाद से आप नेताओं की ओर से इसका विरोध जारी है. सीएम अरविंद केजरीवाल सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज, आतिशी और सांसद संजय सिंह के बाद पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने अपने ताजा ट्विट में सवाल उठाया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद केंद्र सरकार ने अध्यादेश जारी कर अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग अपने हाथ में गैर कानूनी तरीके से ले लिया है, लेकिन अहम सवाल यह है कि केंद्र की आगे की योजना क्या है?
आगे क्या, का अपने ट्विट में जवाब देते हुए उन्होंने लिखा है कि दिल्ली की तरह एक संवैधानिक संशोधन के जरिए कोई भी राज्य जो एक गैर-बीजेपी सरकार को सत्ता में लाता है, उसकी विधायिका छीन ली जाएगी. इतना ही नहीं, राज्य को एक केंद्र प्रशासित क्षेत्र में भी बदल दिया जाएगा? राघव चड्ढा का यह बयान केंद्र सरकार द्वारा अध्यादेश लागू करने के बाद आया है.
संविधान की आत्मा के खिलाफ
बता दें कि इससे पहले राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा था कि अघ्यादेश भारत के संविधान की आत्मा के खिलाफ है. केंद्र सरकार तानाशाही कर रही है. केंद्र के इस रुख का आप के नेता और कार्यकर्ता सड़क से लेकर संसद तक अघ्यादेश का विरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि संसद में जब यह कानून पास होने के लिए आएगा तो मुझे भरोसा है कि पूरा विपक्ष इस अघ्यादेश के खिलाफ होगा. इतना ही नहीं, यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक जाएगा.
SC के फैसले को बदलने का प्रयास
वहीं मंत्री आतिशी का कहना है कि ताजा अध्यादेश लोकतंत्र और संविधान की हत्या करने के लिए लाई गई है. यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सीएम अरविंद केजरीवाल अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए मिले अधिकार को छीनने का प्रयास है. जबकि मंत्री सौरभ भारद्वाज का दावा है कि केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर संविधान और सुप्रीम कोर्ट से छल किया है. मोदी सरकार का यह फैसला सुप्रीम कोर्ट की तौहीन है. अध्यादेश लाकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पटलने वाला काम किया है.