Delhi News: आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि एक झूठ को एक हजार बार बोलो, कि वो सच्चाई में तब्दील हो जाए. इस मंत्र के तहत मेरे खिलाफ दुष्प्रचार और प्रोपगेंडा शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी का पर्दाफाश करने के लिए उन्हें मीडिया के सामने आना पड़ा है. राघव चड्ढा ने बीजेपी को चुनौती देते हुए कहा कि वो उनके पास वो कागज लेकर आए जिसपर उन्होंने बिना सहमित के हस्ताक्षर करवाए थे. 


‘बीजेपी मेरे पीछे पड़ी है’


राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि बीजेपी के झूठ का सामना करना आसान नहीं है. बीजेपी मेरी पीछे पड़ी हुई है. एक हफ्ते के अंदर उनके पास कमेटी ऑफ रिवलेजिस के दो नोटिस आ चुके है. उन्होंने कहा कि विपक्ष की आवाज का हर संभव प्रयास किया जा रहा है. जैसे कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता छीन ली गई थी. आप के सांसदों संजय सिंह, सुशील कुमार रिंकू को सस्पेंड कर दिया. अगर कोई विपक्ष का नेता खड़े होकर अपनी बात रखता है तो सदन के अंदर मंत्री उन्हें धमकी देते कि तुम्हारे घर सीबीआई आ जाएगी, बैठ जाओ. बीजेपी अघोषित आपातकाल लगाने का काम देश में कर रही है. उनका मकसद अब मेरी आवाज को दबाना है. लेकिन ये एक युवा आवाज है जो दबने वाली नहीं है. आप कितनी भी कार्रवाई कर लीजिए मेरी आवाज ना दबेगी ना बंद होगी.


‘मेरे खिलाफ झूठा प्रचार हुआ’


उन्होंने एक किताब दिखाते हुए कहा कि ये रुल बुक है जिससे हिसाब से राज्यसभा चलती है. उन्होंने कहा कि रुल बुक कहती है कि किसी भी सीमिति के गठन के लिए कोई भी सांसद नाम प्रस्तावित कर सकता है. और जिस मेंबर का नाम प्रस्तावित किया गया है. उस मेंबर के किसी साइन की कोई जरूरत नहीं होती, लेकिन उनके खिलाफ झूठा प्रचार किया जा रहा है.   


'गृह मंत्री ने सदन में झूठ बोला'


वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बोलते हुए राज्यभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने एक नई परंपरा शुरू की है कि सरकार के खिलाफ बोले, उसकी सदस्यता खत्म करो, उसे बाहर करो, एफआईआर करो, ये सीधे-सीधे तानाशाही घोषित कर दो, क्यों लोकतंत्र का ढिढोरा पीट रहे हो, दुनिया की सबसे बड़ी अफवाह कंपनी बीजेपी के गृहमंत्री ने कितना बड़ा झूठ बोला, सदन में गृह मंत्री कह रहे है कि फर्जी वाड़ा हो गया, सिग्नेचर गलत हो गया, सिग्नेचर कहां से आया किसने कराया, देश के दूसरे नंबर के मंत्री होने पर सदन की कार्रवाई के बारे में इतना सामान्य ज्ञान तो होना चाहिए, सिलेक्ट कमेटी में किसी भी सदस्य के द्वारा, किसी भी सदस्य का नाम प्रस्तावित किया जा सकता है, उसके किसी सिग्नेचर की जरूरत नहीं है.


क्या है पूरा मामला


आपको बता दें कि बीती सात अगस्त को राज्यसभा में दिल्ली सर्विसेज (अमेंडमेंट) बिल पास हुआ था. बिल पास होने के बाद आप से राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने इस बिल को सिलेक्ट कमेटी के पास भेजने का प्रस्ताव पेश किया. जिसको लेकर राघव चड्ढा पर आरोप है कि इनमें चार सांसदों के नाम बिना सहमति के शामिल किए गए है. जिसको लेकर राघव चड्ढा बीजेपी के निशाने पर आ गए है. 


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