BJP की लोकसभा चुनाव में क्यों घटीं सीटें? राघव चड्ढा ने राज्यसभा में एक-एक कर गिनाए ये कारण
Raghav Chadha: आप सांसद राघव चड्ढा ने बेल्जियम का जिक्र करते हुए कहा कि वहां पर आटोमैटिक मजदूरी दर लागू है. भारत में मजदूरी दर और महंगाई दर के बीच संतुलन बनाने के लिए उसी को लागू करने की जरूरत है.

Raghav Chadha News: आम आमदी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्डा ने राज्यसभा में बजट पर चर्चा के दौरान कहा केंद्र सरकार को निशाने पर लिया. उन्होंने लोकसभा चुनाव में बीजेपी की लोकसभा में सीटें कम होने के छह कारण बताए. साथ ही कहा कि बीजेपी को इन हालातों से बचना है तो उसे समय रहते अपनी नीतियों में बदलाव करने की जरूरत है. अगर केंद्र सरकार ने इन पहलुओं पर ध्यान नहीं दिया तो बीजेपी को आने वाले चुनावों में और भी नुकसान उठाने पड़ सकते हैं.
आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी की दुर्दशा के छह कारण बताए. इनमें पहला कारण ग्रामीण आय में स्फीति, दूसरा फूड इनफ्लेशन, तीसरा बेरोजगारी, चौथा अर्थव्यवस्था के कोर सेक्टर में मंदी, पांचवां प्रति व्यक्ति आय में कमी और छठा औसत परिवार का कर्ज बढ़ना और निवेश कम होना है.
मोदी सरकार के बजट से BJP समर्थक भी निराश हैं 💯
— AAP (@AamAadmiParty) July 25, 2024
BJP की लोकसभा चुनाव में दुर्दशा के तीन कारण रहे हैं:👇
👉Rural Income And Inflation
👉Food Inflation
👉Unemployment
-@raghav_chadha pic.twitter.com/Mr3QLBv0mQ
इन सुझावों पर अमल करे केंद्र सरकार
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इन समस्याओं से पार पाने के लिए न्यूनतम मजदूरी दर को बढ़ती महंगाई से संतुलन बैठाना होगा. उन्होंने बेल्जियम का जिक्र करते हुए कहा कि वहां पर आटोमैटिक मजदूरी दर लागू है. भारत में उनसे लागू करना होगा. जब किसान खुले बाजार में फसल बेचने के लिए जाता है तो उसे बेचने की न्यूनतम प्राइस तय होनी चाहिए. तीसरा स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को सरकार को नेक नीयत से लागू करना होगा. सरकार टैक्स का दायरा बढ़ाकर उसे राहत देने के बजाय दंडित न करे.
बीजेपी समर्थक भी बजट से निराश
आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि जब भी बजट पेश किया जाता है तो कुछ लोग खुश होते हैं और कुछ निराश होते हैं. इस बार केंद्र की बीजेपी सरकार ने वो हासिल कर लिया है, जिसे कर पाना किसी और के लिए संभव नहीं है. बीजेपी सरकार ने इस बजट से हर वर्ग को निराश कर किया है. यहां तक की बीजेपी के समर्थक भी इस बार के बजट से निराश हैं.
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